25 नवंबर 2023 को राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। राजस्थान की 200 में से 199 विधानसभा सीटों की किस्मत का फैसला कल EVM मशीन में कैद हो जाएगा और 3 दिसंबर को साफ़ हो जाएगा कि किस सीट पर अगले पांच साल तक किस पार्टी का विधायक सत्ता की कुर्सी पर बैठकर राज करेगा।
लेकिन आज हम आपको प्रदेश की राजनीति के 5 दिग्गज नेताओं के बारे में बताएंगे जिन्होंने इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत नहीं आजमाई है।
सबसे पहले बात करते हैं हेमाराम चौधरी के बारे में। हेमाराम चौधरी ने अपना पहला चुनाव 1980 में लड़ा। हेमाराम चौधरी कांग्रेस पार्टी से हैं और गुढ़ामालानी सीट से खुद का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने अब तक 8 बार चुनाव लड़ा है जिसमें से 6 बार जीत हासिल की है, लेकिन इस बार हेमाराम चौधरी ने चुनाव नहीं लड़ा तो पार्टी ने उनकी जगह बीजेपी से आए कर्नल सोनाराम को मैदान में उतारा है।
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सूर्यकांता व्यास की उम्र 85 साल है। उन्होंने अपना पहला चुनाव 1990 में लड़ा और पहली बार विधायक बनी। बता दें वो पिछले 4 बार से लगातार जीत हासिल कर रही है,लेकिन इस बार बीजेपी ने उनकी जगह देवेंद्र जोशी पर भरोसा जताया है। सूर्यकांता व्यास ने अब तक कुल 6 बार चुनाव लड़ा है जिसमें से उन्होंने 3 बार जोधपुर से और 3 बार सूरसागर से चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल की हैं।
गुलाबचंद कटारिया के राजनीतिक जीवन की बात करे तो आपको बता दें उन्होंने अपना पहला चुनाव 1977 में लड़ा और भाजपा का परचम लहराया। गुलाबचंद कटारिया ने अब तक 8 बार विधायक का चुनाव लड़ा। जिसमें से उन्होंने 6 बार उदयपुर सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की है। बता दें कटारिया को असम का राज्यपाल भी बनाया गया है, लेकिन इस बार पार्टी ने उनकी जगह ताराचंद जैन पर विश्वास जताया है।
घनश्याम तिवाड़ी राजस्थान के वरिष्ट नेताओं में से एक है और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य है। तिवाड़ी चौमूं, सीकर और सांगानेर सीट से विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में सीकर से राज्यसभा सांसद है। तिवाड़ी ने अपना पिछला चुनाव अपनी पार्टी दीनदयाल वाहिनी से लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। शायद कही ना कही इसी वजह से बीजेपी ने इस बार उनकी जगह भजनलाल शर्मा पर दांव खेला है।
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डॉक्टर जीतेन्द्र सिंह ने अपना पहला चुनाव 1985 में लड़ा और जीत हासिल की। जीतेन्द्र सिंह खेतड़ी विधानसभा सीट से 5 बार चुनाव लड़ चुके हैं और लगातार जीत भी हासिल की है। लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी ने उनकी जगह मनीषा को टिकट दिया है। बता दें जीतेन्द्र सिंह कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
तो ये थे राजस्थान की राजनीति के 5 दिग्गज नेता, जिनके राजनैतिक जीवन के बारे में हमने आपको बताया। राजस्थान की राजनीति में इस बार कांग्रेस और भाजपा के कई दिग्गज नेता मैदान में नहीं है। इसके पीछे कयास लगाएं जा रहे हैं कि कुछ नेताओं ने चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया है तो कुछ नेताओं को उनकी सीट के हिसाब से टिकट नहीं मिला इसीलिए वो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। लेकिन अब देखने लायक ये होगा कि इस बार इन नेताओं की सीट पर कोई और नेता अपनी धाक जमा पाएगा या नहीं।