स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के 119वें जन्मदिन पर उन्हें श्रद्धांजलि मात्र दे देना ही काफ़ी नहीं है। उनके जीवन आदर्शों और नैतिक मूल्यों को जनमानस तक पहुँचाना, उनके लघु किन्तु गरिमामय जीवन की विशालता को समाज के सम्मुख लाना और देश की उन्नति में उनके अतुल्य योगदान को याद करना ही उन्हें सच्चे अर्थों में श्रद्धांजलि होगी।
2 अक्टूबर को गांधी जयंती की संज्ञा दी गई है और इसमें कुछ गलत भी नहीं है। स्वयं शास्त्री जी भी महात्मा गांधी के अनुयायी और प्रशंसक रहे हैं। गांधी के ही आह्वान पर वे स्वदेशी आन्दोलन से जुड़े, राजनीति में आए और जीवन भर गांधी के आदर्शों पर चले। किन्तु गांधी के सच्चे शिष्य होने के बावजूद कई सालों तक उनकी उपेक्षा की गई, गिने-चुने स्थानों पर उनके नाम लिए गए और आम जनों से उनको हमेशा दूर रखा गया।
यह सब जानबुझ कर किया गया या अनजाने में यह एक बहस का मुद्दा है और आज इस बहस में नहीं जाना। किन्तु पिछले कुछ वर्षों से उन्हें लगातार याद किया जा रहा है, अखबारों में उनके नाम के आलेख छपते हैं और सोशल मीडिया पर भी उन्हें जम कर याद किया जाता है। लाल बहादुर शास्त्री का जीवन सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता का आदर्शपूर्ण उदाहरण है।
आजादी की जंग के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ी, महज 17 साल की उम्र में वह जेल गए, आजादी का नारा दिया, जो देशवासियों की जुबां पर एक जुमले की तरह आज भी रहता है । उनके सिद्धांत, उनका संपूर्ण जीवन ही प्रेरणा बन गई। वह एक ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने अपने पद से लाभ लिया नहीं, बल्कि सरकार और देश को सेवा दी। लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद उनके परिवार के पास न तो अपना घर था और न संपत्ति।
लाल बहादुर शास्त्री के विचार और मूल्य भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं और उनके कार्य और योगदान को समर्थन देने का संकल्प आज भी हमारे बीच बना हुआ है। प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के मौके पर उनके दिए अनमोल वचनों को जानते है जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।
1. देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाए गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।
2. सब कुछ ठीक होगा
इस वाक्य का उन्होंने जीवन के सभी परिस्थितियों में अधिकतम स्थायी और आत्मविश्वास के साथ प्रयोग किया। जब भी जीवन में मुश्किल महसूस हो, इस बात की उम्मीद रखें कि सब ठीक होगा।
3. लाल बहादुर शास्त्री किसानों के अधिकारों का भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मानते थे और उन्होंने किसानों के समर्थन में कई कदम भी उठाए। उनका नारा था जब तक हम अपने किसानों के अधिकारों का पूरा समर्थन नहीं करते, तब तक हम विकास का सफर पूरा नहीं कर सकते।
4. अहिंसा और शांति का पालन करे
लाल बहादुर शास्त्री गांधीजी के अहिंसा और शांति के मूल्यों के प्रति समर्पित थे। उन्होंने विश्व शांति और सहमति के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
5. यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत का सिर शर्म से झुक जाएगा।
6. हम खुद के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखे।
7. जय जवान, जय किसान
यह उनका प्रसिद्ध नारा था, जिसका मतलब था कि भारतीय सेना और किसान दोनों ही राष्ट्र के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस नारे को भारतीय समाज ने बड़े प्रेम और समर्थन के साथ अपनाया था।
ये सच है आज भी अगर इन बातों पर गौर करे या इनको दृढ़ता के साथ निभाए तो खुद की तरक्की कर साथ देश की तरक्की भी संभव है ।