“मैं आपको बता देती हूं... सबसे बड़े, जो यहां देश के धोखेबाज हैं, वो हैं इस्कॉन। वो गौशाला बनाते हैं और गौशाला चलाने के लिए सरकार से उन्हें दुनिया भर का फायदा मिलता है। बड़ी-बड़ी जमीन मिलती है। मैं अभी उनकी अनंतपुर गौशाला गई थी। वहां एक भी सूखी गाय नहीं थी। पूरी की पूरी डेयरी थी, मगर एक भी बछड़ा नहीं था। इसका मतलब सब बेच दी गईं। इस्कॉन सभी सूखी गाय कसाइयों को बेच रहा है। जितना ये गाय बेचते हैं और कोई नहीं बेचता। सड़क पर जाकर जो हरे राम, हरे कृष्ण करते हैं और कहते हैं दूध...दूध...दूध पर उनका पूरा जीवन निर्भर करता है। जितनी गाय उन्होंने कसाइयों को बेची हैं, शायद ही किसी और ने बेची हों।”
बीजेपी सांसद मेनका गांधी के इस्कॉन पर दिए गए इस बयान के बाद से सियासी घमासान शुरू हो गया है। पक्ष और विपक्ष की तरफ से इस पर अलग –अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। आपको एक-एक प्रतिक्रिया बताते हैं।
इस मामले को लेकर यूपी के पूर्व सीएम और सपा चीफ अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भाजपाइयों ने पहले भूमाफियों से मिलकर राधास्वामी सत्संग को निशाना बनाया था और उसके बाद अब बीजेपी के लोग गोपालक भगवान कृष्ण के उपासकों पर ही कसाइयों को गाय बेचने का वीभत्स आरोप लगा रहे हैं। विश्वभर के इस्कॉन के अनुयायी इस आरोप से व्यथित और दुखी हैं।
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वही एटा दौरे पर आए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बीजेपी सांसद मेनका गांधी के आरोपों पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मेनका गांधी के आरोपों की जांच होगी। अगर आरोप सही पाए गए तो कार्रवाई भी होगी। बता दें कि 'इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस' पर मेनका गांधी ने तीखा हमला बोला था। उन्होंने आरोप लगाया था कि इस्कॉन अपनी गौशालाओं की गायों को कसाइयों के हाथों बेचता है।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गौवंशों की सुरक्षा के लिए गौशालायें खोली हैं। लाखों गौवंशों के भोजन और रखरखाव की व्यवस्था सरकार ने की है। उन्होंने अधिकारियों को निराश्रित गौवंशों की हत्या रोकने का आदेश दिया है। आगे केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि किसानों की फसल को चरने नहीं दिया जाएगा। गोचर भूमि पर हरी घास उगाकर गौवंशों को खिलाया जाएगा।
इसके बाद द्वारिका और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने इस्कॉन मंदिरों को कमाई का अड्डा बताया। उन्होंने कहा कि इस्कॉन के मंदिरों से चढ़ावे की रकम अमेरिका भेज दी जाती है, क्योंकि इस्कॉन अमेरिका में पंजीकृत है। उन्होंने आरोप लगाया था कि इस्कॉन मंदिर अमेरिका की साजिश हैं। इन मंदिरों में कृष्ण भक्ति की आड़ में धर्मांतरण कराया जाता है। तब उन्होंने केंद्र से इस्कॉन मंदिरों की जांच कराने की मांग की। साथ ही लोगों से इस्कॉन के बजाय कृष्ण मंदिर में ही पूजा-अर्चना करने की अपील की थी।
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इसी के साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि इस्कॉन मंदिर झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के बजाय उत्तर भारत में ही क्यों बनाए जा रहे हैं ?
हालांकि, इन आरोपों को इस्कॉन ने निराधार और झूठा करार दिया है,लेकिन जब से मेनका गाँधी ने ये बयान दिया है। तब से सियासी खेमे मे भूचाल आ गया है। श्री कृष्ण को मानने वाले श्रद्धालु के मन की पीड़ा राजनेता नहीं समझ सकते। आरोप सही है या गलत है, ये बाद की बात होगी, लेकिन जिस बुनियाद पर ये आरोप लगाए गए है। वो तथ्य जनता के सामने आने चाहिए और इसी के साथ जनता को भी यह समझना होगा कि कही इन आरोपों के पीछे आगामी चुनाव जीतने की रणनीति तो नहीं बनाई जा रही है।