आम आदमी पार्टी अपने गठन के 12 साल बाद पहली बार इतनी बड़ी मुश्किलों और संकट का सामना कर रही है। चर्चा यह भी है कि जांच एजेंसी ने केजरीवाल को तलब करने से पहले सबूतों को इकट्ठा किया है। संभव है कि सवालों के जवाब नहीं मिलने पर गिरफ्तारी भी की जा सकती है। ईडी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े पहलुओं पर जांच कर रही है।
तो आइए जानते हैं मुनाफे के लिए बनाई गई दिल्ली शराब नीति कैसे कमीशनबाजी के खेल का शिकार हो गई। कैसे पूरा स्कैम हुआ और घपले के पीछे कमीशनबाजी का गुणा-भाग कैसे किया गया…
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22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को बनी नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2022 में लागू कर दी गई। नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।
नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की दुकानें जितनी है उतनी ही रहेगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल मिलने पर इसमें ED की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।
सबसे पहले आपको बताते हैं कि शराब नीति मामले में ED ने AAP के किन नेताओं पर शिकंजा कसा है।
बता दे सीबीआई ने 27 फरवरी 2023 को पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। उसके बाद ईडी ने 4 अक्टूबर को राज्यसभा सांसद संजय सिंह के आवास पर छापा मारा। राज्यसभा सांसद संजय सिंह के आवास पर छापा मारने के बाद ED ने संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद से AAP के दोनों बड़े नेता अभी जेल की सलाखों के पीछे हैं। तीन दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है और कोर्ट ने माना कि जांच एजेंसियों ने 338 करोड़ रुपये के लेन-देन को अस्थायी रूप से साबित किया है।
अब आपको बताते है कि मुनाफे के लिए बनाई गई दिल्ली शराब नीति कैसे कमीशनबाजी के खेल का शिकार हो गई...
मुनाफे के लिए बनाई गई दिल्ली शराब नीति से पहले 750 एमएल की एक शराब की बोतल 530 रुपये में मिलती थी। लेकिन नई शराब नीति में वही 750 एमएल वाली शराब की बोतल का दाम 530 रुपये से बढ़कर 560 रुपये हो गया और इस दौरान रिटेल कारोबारी का मुनाफा 33.35 रुपये से बढ़कर सीधे 363.27 रुपये पहुंच तक पहुंच गया यानी रिटेल कारोबारियों का फायदा 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ गया।
इसके अलावा इस शराब नीति के हिसाब से सरकार को मिलने वाला 329.89 रुपये का फायदा घटकर तीन रुपये 78 पैसे रह गया। जिसमें 1.88 रुपये उत्पाद शुल्क और 1.90 रुपये वैट शामिल है यानी सरकार का जो घाटा था वही AAP का फायदा बना।
आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया, विजय नायर और संजय सिंह जैसे दिग्गजों को गिरफ्तार करने के बाद ED ने आज अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था। जिस लेकर आज सुबह करीब 9 बजे केजरीवाल ने ED को जवाब भेजा कि ये नोटिस गैर-कानूनी और राजनीति से प्रेरित है और इस दौरान आज अरविंद केजरीवाल ED के सामने पेश नहीं होंगे। बता दें कि आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े चेहरे अरविंद केजरीवाल ही है। पार्टी में दूसरे चेहरे कि बात जाए तो मनीष सिसोदिया, संजय सिंह का नाम आता है जो अभी फिलहाल जेल में हैं. सत्येंद्र जैन हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आए हैं। पार्टी में इस समय गोपाल राय, आतिशी सिंह, सौरभ भारद्वाज, राघव चड्ढा जैसे बड़े नाम हैं। इसके अलावा, पिछले कुछ दिन से सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी सक्रिय देखी गई।
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वे सीएम केजरीवाल के साथ 4 अक्टूबर को संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद उनके घर पहुंची थी। ऐसे में देखना होगा कि अगर ED अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई एक्शन लेती है तो पार्टी संगठन और सरकार की जिम्मेदारी किसके हाथों में देगी।