पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव आयोग की हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी बात रखते हुए गहलोत ने कहा कि देशभर की निगाहें आयोग की प्रेस वार्ता पर थीं, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहा। उनके मुताबिक यह प्रेस कॉन्फ्रेंस खोदा पहाड़, निकली चुहिया जैसी रही और आयोग राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रभावी जवाब देने में विफल रहा।
गहलोत ने कहा कि चुनाव आयोग की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। उनके अनुसार नागरिक यह उम्मीद कर रहे थे कि मुख्य चुनाव आयुक्त राहुल गांधी द्वारा उठाए गए तथ्यों पर जवाब देंगे, लेकिन आयोग केवल हल्के-फुल्के तर्कों तक सीमित रहा।
गहलोत ने कहा कि चुनाव आयोग की सबसे बड़ी जिम्मेदारी केवल निष्पक्ष होना नहीं बल्कि निष्पक्ष दिखना भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग के पास अपनी छवि सुधारने का सुनहरा अवसर था, जिसे उसने गंवा दिया।
गहलोत ने चेतावनी दी कि अगर आयोग पारदर्शिता और निष्पक्षता पर ध्यान नहीं देता तो जनता का भरोसा कमजोर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में इस विषय पर बहस जारी है और आने वाले समय में यह और तेज़ होगी।