नई दिल्ली में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष व नागौर से लोक सभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने जोरबाग रोड़ पर स्थित इंदिरा पर्यावरण भवन में वन,पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर राजस्थान के कई विषयों को उनके समक्ष रखा, मंत्रालय में हुई इस मुलाकात में सांसद बेनीवाल ने राजस्थान में बजरी खनन माफियाओ के आंतक, गलत तथ्यों के आधार पर आवंटित करवाई गई लीजों को निरस्त करवाने,सीमेंट कम्पनियो द्वारा पर्यावरण अनापत्ति की शर्तो की अवहेलना करने तथा पंजाब से राजस्थान की नहरों में प्रवाहित किये जाने वाले गंदे पानी की रोकथाम करवाने, सोलर कम्पनियो द्वारा खेजड़ी सहित अन्य वृक्षों की की जा रही कटाई को रुकवाने, जोधपुर,बालोतरा तथा पाली जिले में फैक्ट्रियों के दूषित जल से कृषि भूमि व जन- स्वास्थ्य पर पड़ रह विपरीत असर की बात भी रखी |
सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंत्री यादव को राजस्थान के नाहरगढ़, सरिस्का, रणथम्भोर आदि अभ्यराणों के संरक्षित क्षेत्र में संचालित व्यवसायिक गतिविधियों को बंद करवाने की मांग की साथ ही कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ही सेन्ट्रल एम्पावर्ड कमेटी के माध्यम से सरिस्का रिजर्व क्षेत्र में ,सरिस्का टाइगर रिजर्व के नजदीक टहला में खनन कारोबारियों को ,माफियाओ को माभ पहुंचाने के उद्देश्य से 6 हजार हैक्टेयर एरिया कम करके जंगल के दूसरे तरफ समावेश करने की तैयारी की जा रही है और राजस्थान की सरकार ने भी इसमें अपनी सहमति देकर रिजर्व क्षेत्र को बर्बाद करने पर तुली है और यह पूरा खेल न केवल माइंस कारोबारियों ,खनन माफियाओ बल्कि होटल उद्योग से जुड़े लोगो को नियम विरुद्ध लाभ देने के लिए किया जा रहा है इसी प्रकार नाहरगढ़ वन्य अभ्यारण के 12 हजार हैक्टेयर एरिया की सीमा बदलकर कई होटलों को बचाने की गली तलाश की जा रही है |
सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंत्री भूपेंद्र यादव को अवगत करवाया कि राजस्थान में सोलर एनर्जी के प्रोजेक्ट स्थापित करने में राजस्थान को बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है,राजस्थान के बीकानेर, फलौदी,जैसलमेर और बाड़मेर,जोधपुर तथा संसदीय क्षेत्र नागौर में सोलर प्लांट के लिए पेड़ो की अंधाधुंध कटाई की जा रही है ,एक रिपोर्ट के अनुसार अब तक पश्चिमी राजस्थान में अब तक 26 लाख से अधिक पेड़ काटे जा चुके है जिनमे 60 प्रतिशत पेड़ खेजड़ी के थे जो क्षेत्र की पारिस्थितिकी का आधार है और पेड़ो की कटाई का भरी विरोध जगह- जगह राजस्थान में किया जा रहा है , उन्होंने तत्काल खेजड़ी सहित अन्य वृक्षों की कटाई रुकवाते हुए बंजर भूमि का उपयोग ही सोलर प्रोजेक्ट में करने की बात रखी |
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा की पंजाब राज्य में सतलज नदी के आस-पास शहरों में एवं कस्बों का नगरीय उद्योगों के अपशिष्ट नालों से होते हुए अन्तत: सतलज नदी में मिलते हुए हरिके बैराज आता है जो राजस्थान की नहरों में प्रवाहित किया जाता है जिससे राजस्थान के एक दर्जन जिलों के कैसंर जैसी घातक बीमारी फ़ैल रही है और पशुधन के स्वास्थ्य तथा कृषि में भी विपरीत असर पड़ रहा है इसलिए केंद्र को हस्तक्षेप करके तत्काल गंदे पानी की आवक को नहरों में प्रवाहित करने से रुकवाना चाहिए |
सांसद हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के पाली, जोधपुर व बालोतरा जिले में फैक्ट्रियों के केमिकल युक्त जल व सीवरेज के दूषित पानी को बांडी,जोजरी व लूणी नदी में प्रवाहित करने से दर्जनों गांवो में बंजर हो रही कृषि भूमि ,मानव तथा पशुधन के स्वास्थ्य पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव की तरफ भी मंत्री का ध्यान आकर्षित किया और उन्हें लिखित प्रतिवेदन देकर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग उठाई |
सांसद हनुमान बेनीवाल ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को नागौर जिले के रियां बड़ी उपखंड क्षेत्र में खनन माफियाओं द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर लिए गए बजरी खनन के पट्टे और तथ्यों को छुपाकर व गलत तथ्यों को आधार बनाकर ली गई पर्यावरण अनापत्ति (EC) निरस्त करने की मांग रखी, सांसद ने मंत्री की लिखित में बताया कि राजस्थान की सड़को पर बजरी माफियाओं का आंतक इस कदर बढ़ गया है वो शासन- प्रशासन को कुछ नहीं समझते और तंत्र में बैठे कुछ लोगो की मिलीभगत से बजरी की दरें आसमान छूने लग गई जिससे गरीब व्यक्ति के सामने यह संकट खड़ा हो गया कि वो अपने रहने के लिए छत बनवाना तो दूर किसी टूट-फुट की मरम्मत के लिए भी बजरी नहीं खरीद सकता ,इस मामले को लेकर बजरी माफियाओं के खिलाफ स्थानीय लोग आंदोलित है, उन्होंने गलत रूप से बनाई जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट, वैज्ञानिक विधियों में रखी गई कमियों ,लूणी नदी की पारिस्थितिकी पर संकट आदि के संबंध में विस्तृत रूप से अवगत करवाया |
सांसद हनुमान बेनीवाल ने नागौर के मुंडवा में स्थित अम्बुजा सीमेंट कम्पनी द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर ली गई पर्यावरण अनापत्ति तथा उक्त सीमेंट प्लांट / कम्पनी द्वारा पर्यावरण अनापत्ति से जुड़ी शर्तो की अवहेलना करने व जेएसडब्ल्यू सीमेंट कम्पनी द्वारा भी गलत तथ्यों के आधार पर ली गई पर्यावरण अनापत्ति की जाँच केंद्र की विशेष टीम से करवाने व खींवसर तहसील में प्रस्तावित जेके लक्ष्मी सीमेंट कम्पनी को मिली पर्यावरण अनापत्ति के तथ्यों की जांच करवाने व पुन: सार्वजनिक स्थल पर जन सुनवाई रखने की मांग की |