राजस्थान में बीजेपी ने अपनी सरकार बना ली है, भजनलाल शर्मा ने सीएम पद, दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है. लेकिन इसके साथ ही अब नया विवाद शुरू हो गया है. दरअसल दोनों डिप्टी सीएम के शपथ लेने में एक पेंच फंस गया है और वह यह है कि दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर (PIL) कर दी गई है. यह याचिका जयपुर के एक वकील ओक प्रकाश सोलंकी ने दायर की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि संविधान में डिप्टी सीएम जैसे किसी पद का जिक्र नहीं है. इसलिए इस पद की शपथ लेना असंवैसाधिक हुआ और प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम को राज्यपाल ने संवैधानिक पद की शपथ दिलाई है.प्रदेश के दोनों नए डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले वकील जयपुर के ही रहने वाले हैं. उन्होंने इस पद को असंवैधानिक बताया है.
ओम प्रकाश सोलंकी ने शनिवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की, जिसमें दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के उपमुख्यमंत्री के रूप में "शपथ ग्रहण" को चुनौती दी गई। उन्होंने दावा किया कि संविधान डिप्टी सीएम पद को मान्यता नहीं देता है.सोलंकी ने कहा, "मैंने राजस्थान के उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है। संविधान में उपमुख्यमंत्री पद का कोई जिक्र नहीं है, यह सिर्फ एक राजनीतिक पद है और यह असंवैधानिक है।"
इससे पहले शुक्रवार को, जबकि भाजपा नेता भजन लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, दीया कुमारी और बैरवा ने एक समारोह में उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भाग लिया।
याचिकार्ता ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 163 और 164 के तहत राज्यपाल की मंत्रिपरिषद की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सिफारिश पर ही की जाती है और अनुच्छेद 163 के तहत ही शपथ ली जाती है. उन्होंने साफ कहा कि संविधान के मुताबिक, राज्यपाल केवल मुख्यमंत्री और उसके मंत्रियों को शपथ दिलाते हैं. वहीं उन्होंने प्रदेश की पिछली सरकार कांग्रेस के बारे में कहा कि जब सचिन पायलट ने शपथ ली थी तो उन्होंने अपने मंत्रीपद की शपथ ली थी.