द नगरी न्यूज़ डेस्क : नेपाल के राष्ट्रपति कार्यालय ने सीपीएन- यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली को अगला प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। केपी शर्मा ओली आज सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, वह पुष्प कमल दहल प्रचंड की जगह लेंगे। केपी शर्मा ओली को चीन समर्थक माना जाता है। वही पिछले कार्यकाल के दौरन कुछ फैसलो की वजह से भारत और नेपाल के बीच विवाद पेदा हो गए थे।
केपी शर्मा ओली का जन्म 22 फरवरी 1952 को हुआ। ओली ने 1966 में उस समय लागू पार्टीविहीन पंचायत प्रणाली के विरोध में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। वे फरवरी 1970 में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए। वही ओली को निरंकुश पंचायत प्रणाली के खिलाफ़ होने के कारण 1973 से 1987 तक लगातार 14 साल जेल में रहना पड़ा। उन्हें 1992 में सीपीएन (यूएमएल) के विदेशी संबंध विभाग का प्रमुख नियुक्त किया गया था। 1994 में वे फिर से संसद के लिए चुने गए और मनमोहन अधिकारी की अल्पमत सरकार में गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। वही ओली को 11 अक्टूबर 2015 को संसदीय वोट में प्रधानमंत्री चुना गया था। उन्हें विधानमंडल संसद में 597 सदस्यों में से 338 वोट मिले थे। ओली की उम्मीदवारी को नेपाल की एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी , राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल और मधेसी जन अधिकार फोरम के साथ-साथ 13 अन्य छोटी पार्टियों ने समर्थन दिया था। 2016 को गठबंधन सरकार से सीपीएन के समर्थन वापस लेने और पार्टी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव दर्ज किए जाने के बाद ओली अल्पमत में आ गए, जिससे उन पर इस्तीफा देने का दबाव पड़ा। संसद में विपक्षी दलों को संबोधित करने के बाद ओली ने अपने इस्तीफे की घोषणा की। ओली को 15 फरवरी 2018 को दूसरी बार प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया था। 7 मार्च 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की कमान ऋषिराम कट्टेल को सौंप दी । क्योंकि उन्होंने सीपीएन और सीपीएन के विलय के बाद बनी एनसीपी को अपनी पार्टी का नाम देने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी। ओली को 13 मई 2021 को राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी द्वारा तीसरी बार प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया था,क्योंकि कोई भी विपक्षी दल बहुमत वाली सरकार बनाने या प्रदान की गई समय सीमा में इसके लिए अपना दावा पेश करने में सक्षम नहीं था।
केपी शर्मा ओली के समय भारत और नेपाल के बीच सम्बन्ध विवादो में रहे ।केपी शर्मा ओली ने भारत पर अपनी सरकार गिराने का आरौप भी लगाया था। वही उन्होने भारत के उत्तराखंड में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल का होने का दावा किया गया था और अपने हिस्से में दिखाया था। लेकिन भारत सरकार ने इसे मानने से इंकार कर दिया था। वही ओली को चीन समर्थक माना जाता है।
केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के अपने अकांउट एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होने बधाई दी वही उन्होने लिखा की नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में आपकी नियुक्ति पर के.पी. शर्मा ओली को बधाई। हम दोनों देशों के बीच दोस्ती के गहरे बंधन को और मजबूत करने तथा हमारे लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए हमारे पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को और बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केपी शर्मा ओली को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर सोशल मीडिया के अपने अकांउट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से हम श्री के.पी. शर्मा ओली को नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। करीबी पड़ोसी होने के नाते, भारत और नेपाल मित्रता और साझेदारी के अनूठे संबंधों को साझा करते हैं, जो लोगों के बीच गहरे संबंधों और संस्कृति की विशेषता है। हर भारतीय एक उज्जवल भविष्य के लिए आपसी सहयोग के बंधन को और मजबूत करने की आशा करता है।