राजस्थान में पूर्ववर्ती कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार के सियासी संकट के बाद चर्चाएं में आए फोन टेपिंग मामले में पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने आज एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर बड़े गम्भीर आरोप लगाए हैं। लोकेश शर्मा ने कहा कि ना तो मैं फोन टेपिंग कर सकता था ना हीं उसमें मैं शामिल था। फोन टैपिंग के लिए मुख्यमंत्री , गृह मंत्री,गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक सहित कई स्तरों पर स्वीकृति लेनी होती है। और उस समय पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही अपनी सरकार को बचाने के लिए यह सब कुछ किया। मुझे तो एक पैन ड्राइव दिया गया और उसके आडियो वीडियो मीडिया तक पहुंचाने के निर्देश दिए इस थे। मैं उस समय ओएसडी की जिम्मेदारी निभा रहा था, मुझे जो निर्देश दिए गए मुझे उसकी अनुपालना करनी थी। जब पूर्व कैंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। कांग्रेस की सरकार ने अपने तरीके से पूरे पांच कार्यकाल के किए। मुख्यमंत्री अपनी सरकार को बचाने में कामयाब रहे।
मुझे यह विश्वास दिलाया गया था आपकों कुछ होने नहीं दिया जाएगा। लेकिन जब 2023 के विधानसभा चुनाव हुए और कांग्रेस पार्टी को हार मिली तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुझे छोड़ दिया। चुनावों से पहले मुझसे यह भी कहा गया था कि चिंता मत किजिए सुप्रीम कोर्ट तक मदद करेंगे लेकिन अधरझूल मैं मुझे छोड़ दिया। मैं लम्बे समय करीब तीन सालों से दिल्ली की क्राइम ब्रांच के चक्कर काट रहा हूं। उन्होने ने तो चुनाव नतीजे विपरीत आते ही अपने आपकों मामले हैं अलग कर लिया फिर अपने आपकों बचाने के लिए मेरे लिए यह आवश्यक हो गया कि जिस काम को मैंने किया ही नहीं उसके लिए मैं अपने आपकों दौषी क्यों बनाऊ, क्यों मेरा परिवार प्रताड़ित हो, क्यों मैं परेशान होता रहूं,। क्योंकि पिछले तीन सालों से मैं दिल्ली मैं जा जाकर क्राइम ब्रांच के सवालों के जवाब देता रहा हूं और हर बार जो मुझसे यहां से कहकर भेजा जाता था वहीं मैं वहां जाकर कहता था। अब सारी चीजें स्पष्ट हो चुकी है जौ काम मैंने नहीं किया, मैंने सबूतों के सारा कुछ क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है, मेरा इस पूरे प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है।
क्योंकि ना तो मैं वो अथोरिटी हुं जौ किसी का फोन टेप कर सकता हूं। यह तो पुलिस विभाग के एक डिपार्टमेंट है उसके माध्यम से ही फोन सर्विलांस पर लिए जाते हैं, टैप किए जाते है और उसकी जानकारी सभी अधिकारियों को होती है, डीजीपी, गृह सचिव, गृह मंत्री, मुख्यमंत्री, चीफ सैक्रेटरी को होती है।उन सभी लोगों कौ यह पता होता है कि किसके फोन को सर्विलांस पर लिया गया है। मैंने तो सिर्फ ओर सिर्फ मुख्यमंत्री के निर्देशों की पालना की और उसी के आधार पर इन सारी चीजों को आगे बढ़ाया है। लेकिन अब मैंने कोर्ट में खुद को सरकारी गवाह बनाने की अपील कर दी है जिसे स्वीकार भी कर लिया है। अब आगे की स्थिति यह है कि जांच एजेंसियां उन सभी लोगों को नोटिस भेजेगी जिनके बारे में मैंने उनको बताया है। जिनके सबूत लिए है। आने वाले दिनों में तत्कालीन मुख्यमंत्री को भी नोटिस भेजा जाएगा और उनसे भी पूछताछ होगी। सचिन पायलट को टारगेट करने के सवाल पर भी लोकश शर्मा ने कहा कि यह तो उस समय क्रिएट की गई स्थितियां थी। मुख्यमंत्री गहलोत नहीं चाहते थे कि सचिन पायलट आगे बढ़े, वो चाहते थे कि किस तरह से सचिन पायलट की छवि खराब की जाए, पूर्व कैंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह की छवि खराब की जाए। जब उन्होंने मेरे पिछे से हाथ खैंच लिए तो अब मैं चाहता हूं कि देश और प्रदेश के सामने सच आना चाहिए और मैं उसे लाने के लिए तैयार हूं।