विधानसभा चुनावों का ऐलान होने के साथ ही नौ अक्टूबर से आचार संहिता लागू हो चुकी है। इस दौरान निर्वाचन आयोग ने राजनैतिक दलों में भी सख्ती बढ़ा दी है। आचार संहिता उल्लंघन के मामलों को लेकर अब तक राजस्थान में 287 एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है। इसके अलावा बड़ी संख्या में नेताओं को लगातार कारण बताओ नोटिस भी दिए जा रहे हैं। बता दे कि सोमवार को तिजारा से भाजपा प्रत्याशी बाबा बालकनाथ को भी आपत्तिजनक बयान दिए जाने के मामले में नोटिस जारी किया गया।
विधानसभा चुनाव - 2023 में आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी निगरानी रखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बनाया गया ‘सी-विजिल‘ एप शिकायतों के समाधान का बेहतरीन जरिया बनता जा रहा हैं। इस एप के जरिए शिकायतों का समाधान किया जा रहा है।
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मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि नौ अक्टूबर को आचार संहिता लागू होने के बाद से सी-विजिल एप पर प्राप्त हुई शिकायतों में 2009 शिकायतें सही पाई गई। जिनमें से 1,721 शिकायतों को निर्धारित सौ मिनट के समय में कार्रवाई कर निस्तारित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि फ्लाइंग स्क्वॉयड टीमें औसतन 29 मिनट 47 सेकेंड में शिकायत स्थल पर पहुंच कर कार्रवाई कर रही है।
आगे प्रवीण गुप्ता ने बताया कि सी-विजिल एप पर मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में शत-प्रतिशत 92 शिकायतें सही दर्ज हुई हैं और निवाई विधानसभा क्षेत्र में 81 शिकायतें सी-विजिल एप पर दर्ज हुई। जिनमें 95 प्रतिशत सही पाई गई हैं। साथ ही प्रवीण गुप्ता ने ये भी बताया कि जयपुर निर्वाचन जिले में 353 शिकायतें और टोंक में 191 शिकायतें सही पाई गई है।
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भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी सी-विजिल एप आचार संहिता उल्लंघन संबंधी शिकायतों के समाधान का प्रभावी जरिया बनता जा रहा है। सी-विजिल किसी भी व्यक्ति को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है। आमजन इस एप का इस्तेमाल करके संबंधित घटना की जानकारी भेज सकते है। जानकारी भेजने के बाद सौ मिनट की समय सीमा में शिकायत का निस्तारण कर दिया जाएगा।