मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में नियोजित नगरीय विकास को प्रोत्साहन देने, मेडिकल ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने, अक्षय ऊर्जा सहित ऊर्जा क्षेत्र के विकास, कर्मचारी कल्याण एवं विभिन्न संवर्गों के कार्मिकों के लिए पदोन्नति के अधिक अवसर उपलब्ध करवाने से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चन्द बैरवा, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप राजस्थान को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे के साथ प्रमुख मेडिकल टूरिज्म हब बनाने के उद्देश्य से मंत्रिमण्डल की बैठक में मेडिकल वैल्यू ट्रेवल पॉलिसी (हील इन राजस्थान नीति-2025) के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। यह नीति राजस्थान को सुलभ, किफायती लागत और भरोसेमंद मेडिकल वैल्यू ट्रेवल (एम.वी.टी.) डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करेगी। यह नीति स्वास्थ्य और पर्यटन क्षेत्रों को एकीकृत करके आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, और वैश्विक ब्रांडिंग को बढ़ावा देगी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने बताया कि हील इन राजस्थान नीति-2025 से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के साथ एमवीटी से जुड़े डिजिटल इकोसिस्टम का विकास सुनिश्चित होगा। मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित हो सकेंगे। पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेद, योग, यूनानी, और सिद्ध को भी बढ़ावा दिया जायेगा। इस पॉलिसी के तहत एक समर्पित एमवीटी सेल की स्थापना की जायेगी तथा एमवीटी सुविधा प्रदाता और सेवा प्रदाताओं को प्रमाणित किया जायेगा। पॉलिसी के तहत एमवीटी पोर्टल और मोबाइल एप विकसित किया जायेगा एवं टेलीमेडिसिन, बायोटेक्नोलॉजी और एप-आधारित डायग्नोस्टिक्स में प्रगति को बढ़ावा दिया जायेगा। साथ ही, टेलीकंसल्टेशन और बहुभाषी हेल्पलाइन सेवाएं स्थापित की जाएगी।
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए नियोजित विकास को बढ़ावा देने के लिए नवीन टाउनशिप पॉलिसी-2024 लाई जाएगी। इस नीति के क्रियान्वयन, निगरानी एवं समीक्षा हेतु राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा, जिससे शहरी योजनाओं के विकास में आने वाली समस्याओं का त्वरित निदान हो सकेगा। उन्होंने बताया कि इस नीति में सभी क्षेत्रफल की आवासीय योजनाओं में एकरूपता के दृष्टिगत 7 प्रतिशत पार्क व खेल मैदान एवं 8 प्रतिशत सुविधा क्षेत्र का प्रावधान किया गया है। योजना के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी होने के पश्चात विकास कार्यों का रख रखाव 5 वर्ष की अवधि अथवा योजना के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को हस्तान्तरण किया जाने तक योजना के 2.5 प्रतिशत भूखण्ड रहन रखे जाने का प्रावधान किया गया है। मिश्रित भू-उपयोग, ग्रुप हाउसिंग, फ्लैट आवास, एकीकृत योजना, वाणिज्यिक भू-उपयोग की योजना हेतु इस नीति में नवीन प्रावधान रखे गये हैं।
गोदारा ने बताया कि गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढावा देने के लिए राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नीति, 2025 का अनुमोदन भी आज मंत्रिमंडल द्वारा किया गया। इससे राज्य में कार्बन उत्सर्जन घटाने में मदद मिलेगी और स्वच्छ, सुरक्षित व पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक गैस की पहुंच आमजन तक सुलभ हो सकेगी। इस नीति से सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) के इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही इससे पीएनजी एवं सीएनजी नेटवर्क का छोटे शहरों व नगरों में तेजी से विस्तार हो सकेगा। इस नीति में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के लिए अनुमति, भूमि आवंटन एवं अनुमोदन की प्रक्रिया को समयबद्ध एवं सरल बनाया गया है।इसके लिए सीजीडी पोर्टल भी विकसित किया जाएगा। यह नीति 31 मार्च 2029 तक अथवा अन्य नीति लागू होने तक प्रभावी रहेगी।
जोगाराम पटेल ने बताया कि 8 अगस्त 2024 और 29 सितम्बर 2024 को राज्य सरकार और 3 केन्द्रीय पीएसयू के बीच हुए एमओयू की अनुपालना में तीन ज्वाइंट वेंचर कंपनियों के गठन के प्रस्तावों को भी आज मंजूरी दी गई। इन जेवी कंपनियों में राज्य सरकार की कंपनियों की शेयर हॉलिं्डग के लिए वर्तमान परिसंपत्तियों से अंश पूंजी की व्यवस्था की जाएगी। इन जेवी से राज्य में अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी, जो बिजली की पीक लोड डिमांड को पूरा करेगा। साथ ही, बिजली उत्पादन में प्रदेश के वित्तीय भार में कमी आएगी।