राजस्थान के जैसलमेर जिलें के बईया गांव में में 15 दिनों से ओरण (संरक्षित जमीन) भूमि को को बचाने के लिए ग्रामीण दो सप्ताह से धरने पर हैं। शुक्रवार को शिव (बाड़मेर) से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी मौके पर पहुंचे और धरने में शामिल हुए और ग्रामीणों के साथ धरना स्थल पर ही रात गुजारी। जैसलमेर के बईया गांव में निजी कंपनी ग्रिड सब स्टेशन (GSS) का निर्माण कर रही है। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि ओरण की जमीन को पहले सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए।
शनिवार सुबह रविंद्र सिंह भाटी ने कलेक्टर प्रताप सिंह से मुलाकात की वही भाटी ने कलेक्टर से मुलाकात के बाद कहा कि- जब तक संतोषप्रद जवाब नहीं मिलेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। वही उन्होने कलेक्टर के सामने ग्रामीणों की मांग । वही ग्रामीणों का कहना है कि ओरण की जमीन को पहले सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए।
वही शुक्रवार दोपहर को रविंद्र सिंह भाटी धरना स्थल पर पहुंचें थे इसी दौरान पुलिस और रविंद्र भाटी में हल्की बहसबाजी भी हुई। शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने प्रदर्शन खत्म करवाने के लिए दो ग्रामीणों को जीप में बिठा लिया। पुलिस की कार्रवाई से नाराज विधायक भाटी ने दोनों को जबरन उतार लिया। इसी दौरान रविंद्र सिंह भाटी ने कहा की लोकतंत्र में विरोध करने का सबको अधिकार है, आप गिरफ्तार नहीं कर सकते। वही पुलिस का कहाना था की दोनों ग्रामीणों को गिरफ्तार नहीं किया गया था। इससे पहले भी पुलिस ने 14 लोगों को पकड़ा था। इसे लेकर शिव विधायक ने थाने में धरना देकर लोगों को छुड़ाया था।
वही रविंद्र सिंह भाटी ने अधिकारियों से बात करते हुए कहा की ये जीएसएस आप किसके लिए बनवा रहे हैं? ये सरकार नहीं बना रही है। ये तो मल्टीनेशनल कंपनी बना रही है। यहां बिजली का संकट कितना है ये आपको पता है क्या? शिव विधायक ने प्रशासन से बात करते हुए कहा- हमारा उद्देश्य कानून-व्यवस्था तोड़ने का नहीं है। अगर आप हमें लिखित में देते हैं कि ओरण जमीन को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा तो हम आपके सामने काम शुरू करवाएंगे। जब तक लिखित में नहीं देते हो यह काम शुरू नहीं होगा।आप जनता को लेकर जवाबदेह हैं या कंपनी को लेकर। राजस्थान में जितनी बिजली की खपत होती है उतनी बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर का एरिया दे देता है। फिर भी यहां बिजली का इतना ज्यादा संकट है।
वही पुलिस अधिकारियों ने कहा की जिला प्रशासन के निर्देशानुसार ग्राम गाले की बस्ती की निजी खातेदारी के खसरा नम्बर 550 व 551 में कंपनी द्वारा स्विच यार्ड का काम शुरू करने के दौरान पुलिस जाब्ता भेजा गया था। इस बीच कुछ ग्रामीणों द्वारा विरोध करने का प्रयास किया गया, जिस पर लोगों से समझाइश कर उन्हें वहां से हटाया गया। निजी खातेदारी भूमि पर कंपनी की ओर से जो निर्माण कार्य शुरू करवाया जा रहा है वह नियमानुसार है।
पश्चिमी राजस्थान के मारवाड़ और आस-पास गांव में गांव बसने के साथ जमीन का कुछ हिस्सा लोक देवी-देवताओं के नाम से छोड़ा जाता है।इसी जमीन पर मंदिर का निर्माण कराया जाता है। इसलिए इसे भगवान की जमीन भी कहा जाता है।मारवाड़ में इसे गांव की समृद्धि से भी जोड़ते हुए देखा जाता है।मान्यता है कि यहां पेड़ या लकड़ी तो दूर, इन पेड़ों की डाली, पत्ती या फल-फूल भी अपराध है। भूमि पशु और पक्षियों के संरक्षण के लिए भी रखी जाती है।