जान है तो जहान है, जब बात जान पर बन आने की होती है, तो रोंगटें खड़े हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में हुआ है। जहां फंसे हैं 41 मजदूर, जो अपनी ज़िन्दगी की सांसे सिर्फ और सिर्फ प्रार्थना करते हुए ले रहे हैं कि उनकी ज़िन्दगी बचा ली जाएगी। इसी उम्मीद के साथ 41 मजदूर पिछले 9 दिन से उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में मलबे के बीच फंसे हुए हैं। कहते हैं कि उम्मीद पर दुनिया कायम है।
पिछले 9 दिन से मलबे के बीच फंसे ये 41 मजदूर जल्द से जल्द बाहर आने की उम्मीद के लिए एक-दुसरे का हौंसला बांध रहे हैं। इन 41 मजदूरों की जान बचाने के लिए और इनको सुरक्षित बाहर लाने के लिए सभी लोग जी-जान से लगे हुए हैं। 12 नवम्बर को सुबह 4 बजे यह हादसा हुआ था। सिलक्यारा टनल के प्रवेश द्वार से लगभग 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिटटी धंस गई थी। जिसमें पिछले 9 दिनों से 41 मजदूरों की जान फंसी हुई है। ये 41 मजदूर बिहार, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और ओडिशा से हैं।
आज सुबह इंटरनेशनल टनलिंग अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के प्रेसिडेंट प्रोफेसर ऑर्नल्ड डिक्स भी उत्तरकाशी पहुंचे। इन मजदूरों को बचाने के लिए डिक्स ने वर्टिकल ड्रिलिग के लिए चार पॉइंट में से दो फाइनल किये। ड्रिलिंग मशीनों की मदद से डिक्स ने मिटटी और पत्थरों का जायजा लेते हुए कहा कि ये मशीने मिटटी और पत्थरों को हटाने में सक्षम है। वहीं SJVNL के चीफ इंजिनियर जसवंत कपूर ने कहा कि दो ड्रिलिंग मशीने गुजरात और ओडिशा से मंगवाई गई है। जो करीब 77 टन की है।
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ड्रिलिंग मशीन के लिए 1200 में से 900 मीटर तक सड़क बना ली गई है। जबकि पूरी सड़क सोमवार शाम तक बन जाएगी। इसकी पुष्टि BRO ने की है। इस हादसे में रेस्क्यू के लिए देहरादून से एक ट्रक ड्रिलिंग मशीन लेकर आ रहा था। जो ऋषिकेश में खाई में गिर गया था। इस ट्रक में वर्टिकल ड्रिलिंग की बैकअप मशीन थी। ट्रक ड्राईवर की हालत गंभीर बताई जा रही है।
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वर्टिकल ड्रिलिंग मशीनों में से एक मशीन उत्तराकाशी पहुँच गई है। ये दोनों मशीनें SJVNL की है। रेस्क्यू के लिए 4 मशीनें आई और 3 प्लान बनाए जो फेल हो गये। अब एक नयी रणनीति के साथ 8 एजेंसियो को टनल में 5 तरफ से ड्रिलिंग करने का ज़िम्मा सौपा है।
इस रणनीति के तहत पहली ड्रिलिग 24 इंच की होगी जिसके ज़रिये मजदूरो को खाना दिया जायेगा। इसको ड्रिल करने में लगभग 2 दिन का समय लगेगा, जबकि दूसरी ड्रिलिंग 1.2 मीटर की होगी जिससे टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकाला जायेगा।
उम्मीद करते हैं कि रेस्क्यू टीम की ये रणनीति सफल हो और 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएं।