प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान विकसित होगा, तो भारत भी तेजी से विकसित होगा। आने वाले वर्षों में डबल इंजन की सरकार और तेज गति से काम करते हुए राजस्थान के विकास के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार का एक साल पूरा होने पर बहुत-बहुत बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनकी टीम ने राजस्थान के विकास को नई गति, नई दिशा देने का काम किया है। साथ ही, उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भैरों सिंह शेखावत के विजन को सराहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश में डबल इंजन की सरकारें सुशासन की गारंटी हैं। वे हर संकल्प को पूरा करने का ईमानदारी से प्रयास करती हैं। तभी एक के बाद एक राज्यों में आज डबल इंजन की सरकारों को इतना समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि देश ने लोकसभा में लगातार तीसरी बार हमें जनादेश दिया है बीते 60 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है।
प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि बीते एक वर्ष के दौरान राजस्थान में गरीबों, महिलाओं, श्रमिकों, कुशल कारीगरों और घुमंतू परिवारों के लिए अनेक फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नौजवानों के साथ यहां की पूर्ववर्ती सरकार ने बहुत अन्याय किया था। पेपरलीक और भर्तियों में घोटाला राजस्थान की पहचान बन चुकी थी। वर्तमान सरकार में इसकी जांच शुरु हुई और कई गिरफ्तारियां भी हुई। उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक साल में हजारों भर्तियां निकाली हैं और पूरी पारदर्शिता से परीक्षाएं व नियुक्तियां हो रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजस्थान वासियों को पहले बाकी राज्यों की तुलना में महंगा पेट्रोल-डीज़ल खरीदना पड़ता था। हमारी सरकार बनते ही लोगों को राहत मिली। उन्होंने कहा कि पीएम किसान निधि योजना के तहत राजस्थान सरकार भी अतिरिक्त पैसे जोड़कर किसानों की मदद कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दस साल से केंद्र सरकार ने जो काम करके दिखाया है वह आजादी के बाद के 5-6 दशकों में नही हो सका था। उन्होंने कहा कि राजस्थान के कई क्षेत्रों में भयंकर सूखा पड़ता है वहीं दूसरी तरफ कुछ क्षेत्रों में हमारी नदियों का पानी बिना उपयोग के ऐसे ही समंदर में बह जाता है। ऐसी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही अटल जी ने नदियों को जोड़ने का विजन रखा था। इससे बाढ़ और सूखा दोनों समस्याओं का समाधान संभव था। उन्होंने कहा कि पुरानी सरकारों का ध्यान समाधान के बजाय राज्यों के बीच जल विवाद को बढ़ावा देने पर रहा, राजस्थान को इस कुनीति के कारण बहुत कुछ भुगतना पड़ा। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को भी इसी कारण लटकाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले लोग किसानों के लिए न खुद कुछ करते हैं और ना दूसरों को करने देते हैं, जबकि हमारी नीति, विवाद की नहीं संवाद की है। हम विरोध में नहीं, सहयोग में विश्वास करते हैं। हम व्यवधान में नहीं, समाधान पर यकीन करते हैं और इसीलिए हमारी सरकार ने ईआरसीपी को स्वीकृत करने के साथ इसका विस्तार भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में हमारी सरकार बनने के बाद हुए संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल (एमपीकेसी) लिंक परियोजना से चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज जैसी नदियों का पानी आपस में जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने पर राजस्थान में विकास के लिए पर्याप्त पानी होगा। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों के विकास में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि ताजेवाला से शेखावाटी के लिए पानी लाने के समझौते से भी हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों को फायदा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार सेल्फ हेल्प ग्रुप की तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने पर काम कर रही है। करीब सवा करोड़ बहनें लखपति दीदी बन भी चुकी हैं। उन्होंने कहा कि बीते दशक में देश की 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं, इनमें राजस्थान की भी लाखों बहनें शामिल हैं। हमारी सरकार ने इन समूहों को बैंकों से जोड़ कर करीब 8 लाख करोड़ रुपए की मदद दी है। हमने इन्हें मिलने वाली मदद को बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने के साथ ही महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप में बने सामानों के लिए नए बाजार उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा कि नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत हजारों बहनें ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग लेकर ड्रोन के माध्यम से खेती कर रही हैं, उससे कमाई भी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बहनों-बेटियों के लिए बीमा सखी योजना भी शुरू की है जिसके तहत उन्हें प्रशिक्षण देकर बीमा के काम से जोड़ा जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार यहां के किसानों को दिन में भी बिजली उपलब्ध करवाना चाहती है, ताकि उन्हें रात में सिंचाई की मजबूरी से मुक्ति मिले। इस उद्देश्य से राजस्थान में बिजली के क्षेत्र में अनेक समझौते यहां की सरकार ने किए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हर परिवार और हर किसान ऊर्जादाता होगा, तो बिजली से होने वाली कमाई से हर परिवार की आय बढ़ेगी। केंद्र सरकार ने पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना लाकर सौर ऊर्जा को बिजली बिल ज़ीरो करने का माध्यम भी बनाया है। घर की छत पर सौलर पैनल लगाने के लिए 78 हज़ार रुपए की मदद केंद्र सरकार दे रही है। अब तक देश के 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा परिवार इस योजना के लिए रजिस्टर करा चुके हैं और करीब 7 लाख लोगों के घरों में सोलर पैनल सिस्टम इंस्टाल भी किया जा चुका है। इसमें राजस्थान के भी 20 हज़ार से अधिक घर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पीएम कुसुम योजना के तहत खेत में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए भी सरकार मदद दे रही है।
प्रधानमंत्री ने समारोह में 46 हजार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए कहा कि ये प्रोजेक्ट राजस्थान में पानी की चुनौती का स्थाई समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान को रोड, रेल और हवाई यात्रा में सबसे कनेक्टेड राज्य बनाना हमारा संकल्प है। दिल्ली, वडोदरा और मुंबई जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों को राजस्थान से जोड़ने वाला नया एक्सप्रेसवे देश के सर्वश्रेष्ठ एक्सप्रेस-वे में से एक होगा। जामनगर-अमृतसर इकोनॉमिक कॉरिडोर दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे के माध्यम से राजस्थान को मां वैष्णो देवी मंदिर से जोड़ेगा दूसरी तरफ उत्तरी भारत के उद्योगों को कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों से सीधा संपर्क मिलेगा। इसका फायदा राजस्थान में ट्रांसपोर्ट सेक्टर और यहां के युवाओं को रोजगार के रूप में मिलेगा। जोधपुर रिंग रोड से जयपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से कनेक्टिविटी बेहतर होगी और शहर को अनावश्यक जाम से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने पचपदरा रिफाइनरी की राह में भी कई रोड़े अटकाए थे। अब ये रिफाइनरी यहां रोजगार और पेट्रोकेमिकल से जुड़े दूसरे उद्योगों को बढ़ावा देगी।