राजस्थान में अभी ED का दौर चल रहा है। आचार संहिता लगने के बाद इलेक्शन कमीशन का इकबाल बुलंद होना चाहिए, लेकिन फिलहाल राजस्थान में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट का माहौल बना हुआ है। बता दे कि पिछले तीन महीनों में ED यहां 14 बार दस्तक दे चुकी है। ED पेपर लीक मामले में 6 बार, DoIT मामले में 4 बार, जल जीवन मिशन में 3 बार और मंत्री राजेंद्र यादव के यहां 1 बार पहुंच चुकी है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में मंथन भी शुरू हो गया है। इस दौरान इलेक्शन कमीशन ने एक्शन लेते हुए राजस्थान में पांच IPS समेत एक IAS अधिकारी का ट्रांसफर किया है। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी दिनेश खोड़निया पर भी ED ने शिकंजा कसा है और साथ ही RPSC में बाबूलाल कटारा की नियुक्ति मामले पर भी कारवाई शुरू हो गई है।
अबकी बार ED मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी और कांग्रेस नेता दिनेश खोड़निया के ठिकानों पर पहुंची है। पिछले तीन दशकों से खोड़निया मुख्यमंत्री के करीबी है। वह दो बार कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्हें वागड़ जिले के बड़े भामाशाह के तौर पर भी जाना जाता है। बता दे दिनेश खोड़निया को छोटा गांधी भी कहा जाता है।
पेशे से खोड़निया की एक ज्वैलरी की दुकान है। जिसके साथ ही वो फर्नीचर का भी बिजनेस करते हैं। जिस तरह ED ने छापेमारी की है। उससे लगता है कि खोड़निया ED को हॉलीवुड फिल्म ‘मैकेनास गोल्ड’ के पात्र लग रहे हैं। ‘मैकेनास गोल्ड’ 1969 की एक मशहूर हॉलीवुड फिल्म है। जिसमें कुछ लोग सोने का खजाना ढूंढने जाते हैं, लेकिन उन्हें वहां पूरी एक खदान मिल जाती है। ED को ऐसी ही एक खदान खोड़निया के रूप में मिल गई है।
बचपन की कहानियों में जैसे ‘शेर आया शेर आया’ का हव्वा बना दिया जाता था। उसी तरह राजस्थान में ED का हव्वा बनाया जा रहा है। ED की राजस्थान में लगातार हो रही कार्रवाई को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जब बीजेपी की किसी से सांठगांठ नहीं हो पाती है। तब ED की एंट्री करवाई जाती है, लेकिन बाकी राज्यों की तरह राजस्थान में ED का इतना असर नहीं हो रहा है।