संवाददाता- दीक्षा शर्मा
लोकेशन- जयपुर
राजस्थान में स्कूलों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और यह अब भयावह और चिंताजनक हो गई है। आए दिन स्कूल भवन गिरने या बरामदे ध्वस्त होने की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे मासूम बच्चों की ज़िंदगियाँ सीधे खतरे में पड़ रही हैं।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- भीलवाड़ा जिले के रायला कस्बे में एक कक्षा का कमरा गिर गया। वही जूली ने हनुमानगढ़ जिले के धोलीपाल स्कूल का बरामदा ध्वस्त हो गया। इस प्रकार की घटनाएँ दर्शाती हैं कि प्रदेश में स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर की देखभाल और मरम्मत पर सरकार की कोई ठोस योजना नहीं है।
वर्तमान स्थिति यह है कि जैसे ही बारिश शुरू होती है, जिला कलेक्टर छुट्टियाँ घोषित कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। यह न बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और न ही शिक्षा के सही संचालन का समाधान है। असली समाधान यह होना चाहिए कि जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत और नई इमारतों का निर्माण कराया जाए।
हाल ही में झालावाड़ में बच्चों की मौत से प्रभावित परिवारों से मिलने तक मुख्यमंत्री नहीं गए। केवल दिल्ली दरबार में हाजरी लगाने और मंचों पर भाषण देने से राज्य नहीं चलता। मुख्यमंत्री को मंत्री को जवाबदेह ठहराना और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाना चाहिए। इस पूरे मुद्दे से स्पष्ट है कि राजस्थान में शिक्षा और बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार की प्राथमिकता बहुत कम है। स्कूल भवनों की मरम्मत, नए भवन का निर्माण और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री की नैतिक जिम्मेदारी भी है।