राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के घर बिजली की कार्रवाई को लेकर बड़ा बयान दिया है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई पूरी तरह से नियम और अनुशासन के अनुसार की गई है। उनका कहना है कि हनुमान बेनीवाल की शुरू से ही यह धारणा रही है कि बिजली का बिल जमा करने की आवश्यकता नहीं है और ट्रांसफार्मर जैसी चीजें बिना नियमों के ले जानी चाहिए।
इससे पहले हनुमान बेनीवाल ने ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर पर आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ द्वेषपूर्ण कार्रवाई की जा रही है। बेनीवाल ने यहां तक कहा कि मंत्री पर भी दो लाख रुपये का बिजली बिल बकाया है और उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर ऊर्जा मंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सांसद अक्सर आवेश में ऐसी बातें कह जाते हैं और उन्हें अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं होता।
हीरालाल नागर ने कहा कि बिल जमा करने की अंतिम तारीख 17 तारीख थी, जबकि सांसद ने 7 तारीख को ही इस विषय पर प्रतिक्रिया दे दी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिल नियत तिथि पर या उससे पहले ही जमा करा दिया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री ने जोर देकर कहा कि यदि बिजली चोरी की प्रवृत्ति कम होगी तो सभी को पूरी सुविधा मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे कोई जनप्रतिनिधि हो, अधिकारी हो या फिर आम नागरिक—यदि बिजली से संबंधित कोई अनियमितता पाई जाती है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना था कि नियम और कानून सभी पर समान रूप से लागू होंगे और कोई भी व्यक्ति इस प्रक्रिया से ऊपर नहीं है।
हीरालाल नागर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी प्रकार के दबाव या प्रलोभन से प्रभावित न हों और पूरी तरह से नियमों के अनुसार काम करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्रवाई का उद्देश्य केवल नियमों का पालन सुनिश्चित करना और जनता को सही बिजली सेवा प्रदान करना है, न कि किसी के खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष या राजनीतिक कारण से कदम उठाना।
इस पूरे विवाद में ऊर्जा मंत्री का रुख साफ रहा कि राज्य सरकार किसी भी तरह की छूट या असमानता नहीं बरतेगी और सभी पर समान कार्रवाई होगी। उनका कहना है कि बिजली वितरण और बिल भुगतान में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार पूरी तरह सतर्क है और यही पहल भविष्य में अनियमितताओं को रोकने में मददगार साबित होगी।