राजस्थान के कद्दावर नेता सचिन पायलट के सबसे करीबी विधायक वेद प्रकाश सोलंकी की मुसीबतें बढ़ चुकी है, 25 नवम्बर को मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है तो वहीं अब 3 दिसम्बर का इंतजार किया जा रहा है, जब राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आएंगे, लेकिन परिणाम से पहले चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी की मुसीबतें बढ़ती हुई नजर आ रही है, आपको बता दें चेक बाउंस के मामले में बहरोड़ कोर्ट ACJM 3 निखिल सिंह ने वेदप्रकाश सोलंकी को एक साल की सजा सुनाई है, इसके साथ ही वेद प्रकाश सोलंकी पर 55 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है,
8 साल पुराना बताया जा रहा है मामला
आपको बता दें की ये पूरा मामला 8 साल पुराना है, जिस मामले में विधायक वेदप्रकाश सोलंकी को सजा सुनाई गई है, साथ ही बताया जा रहा है कि वेद प्रकाश सोलंकी उस समय कोटपूतली-बहरोड़ जिले के बानसूर में प्रॉपर्टी का काम करते थे. इस दौरान प्लॉट दिलाने के नाम पर शिक्षा विभाग के रिटायर्ड पीटीआई से 35 लाख रुपए नगद लिए थे. लेकिन वेद प्रकाश सोलंकी प्लॉट दिलाने में नाकाम रहे थे और बाद में वेद प्रकाश सोलंकी ने 35 लाख रुपये का चेक दिया था जो बाउंस हो गया था, चेक बाउंस होने के बाद पीटीआई ने वेद प्रकाश सोलंकी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था,
55 लाख रुपये का लगाया जुर्माना, 1 महीने में करना होगा भुगतान
बहरोड कोर्ट ने मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को एक साल के साधारण कारावास और 55 लाख रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने जुर्माना राशि नहीं चुकाने पर सजा को 6 महीने और बढ़ाने के आदेश भी दिए हैं,
एक महीने में करनी होगी अपील
बहरोड कोर्ट द्वारा 8 साल पुराने इस मामले में विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को सजा सुनाई है, इसके साथ ही मामले को लेकर अन्य कोर्ट में अपील करने के लिए सोलंकी को एक महीने का समय मिलेगा. अगर अपील खारिज होती है तो सजा के साथ ही पीड़ित को राशि भी लौटानी पड़ेगी
ये रहा विधायक द्वारा धोखाधड़ी का पूरा मामला
मामले में पैरवी करने वाले एडवोकेट भूपेंद्र कुमार प्रजापत ने बताया कि मुंडावर क्षेत्र के गांव हुलमाना खुर्द निवासी मोहर सिंह यादव और वेद प्रकाश सोलंकी के बीच अच्छी जान पहचान थी. वेद प्रकाश सोलंकी ने मोहर सिंह यादव से कहा था की वो बानसूर में सस्ती दर पर अच्छी लोकेशन में प्लॉट दिला देंगे. इसके लिए उन्होंने कई जगह उन्हें जमीन दिखाई. दोनों के बीच एक प्लॉट को लेकर सौदा तय हो गया. 20 जून 2015 को मोहर सिंह ने सोलंकी को प्लॉट के लिए 35 लाख रुपए दे दिए. काफी दिनों तक प्लॉट नहीं दिलाने पर मोहर सिंह ने रुपए वापस लौटने की बात कही. इस पर सोलंकी ने 10 सितंबर 2015 को जयपुर के मानसरोवर स्थित एक्सिस बैंक का चेक दे दिया. चेक बाउंस होने पर मोहर सिंह ने सोलंकी से रुपए लौटाने और चेक बाउंस होने की बात कही. रुपए नहीं लौटाने पर पीड़ित ने 30 अक्टूबर 2015 को मामला दर्ज करवाया. जिसके बाद यह मामला कोर्ट में चला.