राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा गुरुवार बाबा रामदेव जी की नगरी रामदेवरा पहुंचे। मुख्यमंत्री का यह दौरा धार्मिक आस्था, सामाजिक सेवा और जनकल्याणकारी संदेश के लिए खास रहा।
मुख्यमंत्री ने सबसे पहले बाबा रामदेव पैनोरमा का दौरा किया, जहाँ उन्होंने
बाबा रामदेव जी के जीवन, लोक कल्याणकारी कार्यों और ऐतिहासिक गाथाओं को विस्तार से देखा और सराहा। पैनोरमा स्थल से मुख्यमंत्री पैदल यात्रा करते हुए समाधि परिसर पहुंचे, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की और प्रदेश की खुशहाली, शांति और समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा रामदेव जी सामाजिक समरसता और लोक कल्याण के प्रतीक हैं, और उनकी शिक्षाएं आज भी समाज के लिए प्रेरणादायक हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रामदेवरा में आयोजित मेगा आई स्क्रीनिंग कैंप और नेत्र कुंभ 2025 का शुभारंभ भी किया। यह आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संस्था ‘सक्षम’ द्वारा किया जा रहा है, जो लगातार 33 दिन तक चलेगा।
नेत्र कुंभ में प्रदेशभर से आने वाले हजारों मरीजों को नि:शुल्क आंखों की जांच, उपचार और ऑपरेशन, जरूरी दवाइयां और चश्मे उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सुगम और सुलभ हों, और नेत्र कुंभ जैसे आयोजन आंखों की रोशनी बचाने में जीवनदायी साबित होंगे।
रामदेवरा पहुंचने पर मुख्यमंत्री का भाजपा पदाधिकारियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष दलपत हिंगड़ा, पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी, जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी, भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। समाधि परिसर और नेत्र कुंभ स्थल पर श्रद्धालु, मरीज और स्वयंसेवक उत्साहपूर्वक मौजूद रहे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का यह दौरा धार्मिक श्रद्धा और जनसेवा का अद्भुत संगम रहा।
1. धार्मिक पहलू: बाबा रामदेव जी की समाधि पर पैदल पहुंचकर मुख्यमंत्री ने लोक आस्था को सम्मान दिया।
2. सामाजिक पहलू: 33 दिन तक चलने वाला नेत्र कुंभ ग्रामीण और सीमावर्ती अंचलों में हजारों मरीजों की आंखों की रोशनी बचाने में मदद करेगा।
3. सांस्कृतिक पहलू: इस दौरे ने राजस्थान की लोक संस्कृति और सामाजिक एकजुटता को फिर से रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री का रामदेवरा दौरा न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं और जनकल्याण की दिशा में भी यह एक मजबूत पहल साबित हुआ। 33 दिन तक चलने वाला नेत्र कुंभ बाबा रामदेव जी की नगरी में आस्था और सेवा का संगम प्रस्तुत करेगा।