राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं । सभी पार्टी अपना-अपना दम-खम दिखाने में लगी है और लगातार पार्टी हाईकमान की मीटिंग एवं आला नेताओं के दौरे शुरू हो चुके हैं। अब राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति थोड़ी डामाडोल हो सकती है और बीजेपी को पूरा मौका मिल सकता है।
राजस्थान में अगर सत्ता परिवर्तन होता है और बीजेपी सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा ये सबसे बड़ा सवाल है और अभी तक इसे लेकर संशय बरकरार है। बीजेपी हर बार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करती आई है लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है जब किसी भी नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया गया। राजस्थान के विधानसभा चुनाव में पार्टी पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लडने की तैयारी में है। पिछले 20 साल से बीजेपी का मुख्य चेहरा रही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को फ्रंट में नहीं रखा गया। राजे पहली ऐसी महिला नेता हैं जो दो बार प्रदेश की सीएम रह चुकी है लेकिन इस बार उनकी अनदेखी करना हैरत की बात है। हाईकमान की अनदेखी के पीछे का कारण अभी तक जनता को समझ नही आया है।
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लेकिन हाल ही में हुई पीएम मोदी की सभा में वसुंधरा राजे का भाषण नहीं होने से राजनीतिक बाजार गर्म हो गया है। कयास यह लगाए जा रहे हैं कि इस बार सीएम फेस में बीजेपी राजे की जगह किसी और को मौका देगी। लेकिन वह चहरा कौन होगा जिसे कमान सौपी जा सकती है, यह चर्चा का विषय है। पीएम की सभा से कुछ ऐसे दृश्य सामने आएं हैं। जिनसे तस्वीरें कुछ हद तक साफ दिखाई देने लगी। सोमवार को महिलाओं ने पीएम सभा की पूरी जिम्मेदारी संभाली। इस सभा में एक ऐसा चेहरा निकल कर सामने आया जिन्हें राजस्थान की कमान सौंपी जा सकती है। 25 सितंबर को जयपुर में हुई पीएम मोदी की रैली से तस्वीर साफ होती नजर आ रही है। पीएम मोदी की इस रैली में मंच और पंडाल की बैठक व्यवस्था से लेकर पार्किंग तक की तमाम जिम्मेदारी महिलाओं के पास थी। मंच संचालन राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने किया। मंच पर महिला नेताओं को दी गई जिम्मेदारी से कुछ तस्वीरें ऐसी निकलकर आई है जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वसुंधरा राजे का स्थान कौन ले सकता है।
पीएम मोदी की सभा के दौरान मंच पर कई महिला नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मंच पर पूर्व सीएम के साथ सांसद दीया कुमारी, रंजीता कोली, जसकौर मीणा, पार्टी की राष्ट्रीय सचिव अल्का गुर्जर, जिला प्रमुख रमा चौपड़ा, महापौर सौम्या गुर्जर और हाल ही में कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई ज्योति मिर्धा मौजूद रही। इन सब महिला नेताओं में दीया कुमारी और अल्का गुर्जर मुख्य भूमिकाओं में नजर आई। अब वसुंधरा राजे के विकल्प कौन बन सकती है। यह एक बड़ा प्रश्न बनता है। जरूरी नहीं कि जो चेहरा सबसे आगे हो उसे ही मौका दिया जाए, क्योंकि बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व कई बार चौंकाने वाले फैसले लेते हुए उन चेहरों को मुख्य जिम्मा सौंपते हैं, जिनके बारे कयास कम ही लगाए जाते हैं। लेकिन फिलहाल इन महिलाओं का पक्ष मजबूत माना जा रहा है।
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सीएम पद का उम्मीदवार कौन बनेगा। इसे लेकर अभी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। इन सभी के बीच सोमवार को जयपुर की सभा में जो समीकरण दिखे, उससे यह सवाल बार बार उठ रहा है कि क्या पार्टी ने वसुंधरा राजे को साइडलाइन कर दिया है। दरअसल, जयपुर के दादिया गांव में हुए बीजेपी के कार्यक्रम में पीएम मोदी के आगमन से पहले तमाम नेता मौजूद थे। इस दौरान वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति वसुंधरा राजे समर्थकों को खल रही थी ।
एक तरफ तो पार्टी वसुंधरा राजे की अनदेखी कर रही है और दूसरी तरफ राजे भी पार्टी से अलग हटकर निजी स्तर पर देव दर्शन यात्राओं के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन करती रही है। केन्द्रीय नेताओं के साथ राजे ने भले ही परिवर्तन यात्राओं को हरी झंडी दिखाई हो लेकिन प्रदेश की 200 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी परिवर्तन यात्राओं में राजे ने हिस्सा नहीं लिया है। पीएम मोदी की सभा से ठीक दो दिन पहले 23 सितंबर को भी राजे के आवास पर हजारों की संख्या में महिलाएं पहुंची और राजे को रक्षा सूत्र बांधा था। अब देखना होगा राजस्थान में अपनी सरकार बनाने के लिए बीजेपी किस बड़े चेहरे को मौका देगी जिससे चुनाव में कांग्रेस को हरा सके।