राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने मीडिया से बात करते हुए कहा की एक तरफ तो लोग पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे है वहीं दूसरी ओर भाजपा की सरकार ने 9 जिलों एवं 3 संभागों को समाप्त करने का जनविरोधी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने सक्षम कमेटी की अनुशंषा पर किसान, मजदूर, गरीब एवं आमजन की सुविधा के लिए नए जिले एवं संभाग बनाने का कार्य किया था। प्रशासनिक सुविधा के लिए देश में छोटे राज्य भी बने है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा की मध्यप्रदेश से तोड़ कर छत्तीसगढ़ राज्य बना और राजस्थान से छोटा प्रदेश होने के बावजूद मध्यप्रदेश में आज 53 जिले है। उन्होंने कहा कि अनूपगढ़ व सांचौर की जिला मुख्यालयों से दूरी 100 किमी से अधिक है किन्तु इस पर भाजपा सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया केवल राजनीतिक द्वेषता के कारण जिले समाप्त करने का जनविरोधी निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने दिमाग में यह धारण कर लिया है कि ये जिले कांग्रेस द्वारा बनाए गए थे इसलिए उन्हें समाप्त करना है जबकि पड़ोसी राज्यों में बॉर्डर का जिला है चरखी दादरी जिसमें मात्र 6 लाख की जनसंख्या है, पोरबंदर में 5 लाख की जनसंख्या है, चित्रकूट में 10 लाख की जनसंख्या है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा शासित राज्यों में यह जिले बन सकते है तो राजस्थान में जिले समाप्त करने का कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिलों के समाप्त होने के कारण किसानों एवं लोगों को तकलीफों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि जिला मुख्यालयों की दूरी बढ़ गई है उदाहरण के लिए सांचौर और जालोर की दूरी 100 किमी से अधिक है लेकिन भाजपा सरकार को आमजन की तकलीफों से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार को यदि जिलों के गठन में कोई कमी लगती थी तो उनका पुर्नसीमांकन किया जा सकता था लेकिन समाप्त करने का निर्णय गलत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में और नए जिले बनाने की भी गुंजाईश थी, भौगोलिक दृष्टि के अनुसार और भी 5-7 नए जिले गठित किए जा सकते है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में इस जनविरोधी निर्णय के विरूद्ध भाजपा सरकार को घेरने का कार्य किया जाएगा तथा कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक जिलों एवं संभागों को निरस्त करने के निर्णय के विरूद्ध जन-आंदोलन करेगी।