भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा के दौरान मंगलवार को केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मिशन 2030 को लेकर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह राजस्थान की जनता को भ्रमित करने का शिगूफा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन की नकल के अलावा कुछ नहीं है।
जैसलमेर में पत्रकार वार्ता में शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत का विजन 2030 हास्यास्पद है। जिस शख्स को तीन बार मुख्यमंत्री रहने का अवसर मिला। वह अपने तीसरे कार्यकाल के आखिर में विजन की बात करे, यह हास्यास्पद है। राजस्थान का बच्चा बच्चा जानता है कि इससे ज्यादा हास्यास्पद कुछ नहीं है। जब 2018 में आपकी सत्ता आई, तब आपने कुछ नहीं किया। अब विजन की बात कर रहे हो। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार में कोई दूरदृष्टि तो छोड़ो, बल्कि यह दृष्टिहीन सरकार है। इस सरकार में कोई विषय की गंभीरता नहीं है। ये विजन 2030 का शगूफा पीएम मोदी के विजन की नकल करने के अलावा कुछ नहीं है।
शेखावत ने कहा कि सरकार के मुखिया का ध्यान केवल कुर्सी बचाने में लगा रहा। इसके चलते सरकार को कई जगह समझौते करने पड़े। प्रशासन से सरकार का ध्यान हटा तो प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हो गई है। राजस्थान में महिला अत्याचार होने लगे। गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रदेश देश की रेप कैपिटल बन गया। प्रतिदिन 19 की दर से दो लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए। अब सरकार के मुखिया फौरी बयान देते हैं। पहले कहा, 56 प्रतिशत झूठे। फिर कहा, निर्भयाकांड के बाद जब से मृत्युदंड का प्रावधान हुआ, तब से ऐसे केस बढ़ गए और अब कहते हैं कि नाते रिश्तेदार ही रेप करते हैं। गहलोत के वरिष्ठ मंत्री ने प्रदेश को शर्मशार करने वाला स्टेटमेंट दिया कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है, इसलिए रेप हो रहे हैं।
शेखावत ने कहा कि प्रदेश में हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार है। माइनिंग, राजस्व, फसल बीमा, कॉपरेटिव सोसायटी सब जगह भ्रष्टाचार है। अन्नपूर्णा फूड पैकेट में घोटाला हुआ है। उसमें मिलावटी सामान दिया गया, वह भी कम मात्रा में। दु:खद यह है कि इसमें सरकार ही लिप्त है, लेकिन किसी जिम्मेदार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरकार हजारों परिवारों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। अभियोजना स्वीकृति देने में आनाकानी कर भ्रष्टाचारियों को बचाने का काम कर रही है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पेपर लीक की घटनाएं हुईं। एक से सोलह पेपर लीक तक सरकार ने मौन साधे रखा और कहा कि इसमें न कोई सरकार का अधिकारी और न ही कर्मचारी शामिल है। कोई नेता भी शामिल नहीं है। सत्रह पेपर लीक में जिस तरह से जांच चली, उसमें आरपीएससी मेंबर गिरफ्तार हुआ। यदि इसकी निष्पक्षता के साथ जांच होगी तो गहलोत सरकार की आधी कैबिनेट जेल में होगी। इससे जनता में आक्रोश है। इसलिए जनाक्रोश यात्रा निकाली। इस भाव को और सुदृढ करने के लिए परिवर्ततन यात्रा शुरू की गई।
शेखावत ने कहा कि जैसलमेर में 24 हजार बीघा का कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से फर्जीवाड़ा किया गया। भूमिहीन इंतजार करते रहे, जबकि सरकारी भूमि को खुदबुर्द कर दिया। को-ऑपरेटिव में घोटाला हुआ। इन्हें राजनीतिक सरंक्षण दिया गया। तीन सौ चालीस करोड़ का फसल बीमा घोटाला हुआ।
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने वन नेशन वन इलेक्शन के विचार पर कांग्रेस द्वारा विरोध को चोर की दाढ़ी में तिनका बतायाया। उन्होंने कहा कि अभी कमेटी बनाई गई है। वह कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी, उसकी संसद में चर्चा होगी। उसके बाद कुछ होगा। कांग्रेस अभी से ही शंका व्यक्त कर रही है। संसद में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी कमेटी के मेंबर ही नहीं रहना चाहते।
सनातन धर्म की निंदा को लेकर शेखावत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंदू समाज को मनोवैज्ञानिक रूप से दबाने का प्रयास है। इंडी एलायंस में शामिल दलों को भी इसमें अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। पत्रकार वार्ता के दौरान राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत और केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी भी साथ रहे।
शेखावत ने बाड़मेर के लिए प्रस्थान करने से पहले जैसलमेर के हनुमान चौराहा स्थित श्री हनुमान मन्दिर में दर्शन कर धोक लगाई और आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद स्थानीय सांसद केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के साथ रथ में सवार हुए। इस बड़ी संख्या में कार्यकर्ता काफिले में शामिल रहे।