राजस्थान में विधानसभा चुनाव चरम पर है। चुनाव को लेकर सभी पार्टियों की तैयारियां जारी है। सभी पार्टियां चुनाव जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगा रही है, लेकिन चुनाव से पहले पार्टियों के अंदर ही कलह मची हुई है। चुनाव में कई नेताओं का टिकट कटने से नाराज नेताओं ने पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया। अब वही ऐसा करने वाले नेताओं के खिलाफ कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों ने सख्त कदम उठाया है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान पार्टी के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ने वालों और अन्य प्रत्याशियों का समर्थन करने वालों के खिलाफ बीजेपी और कांग्रेस ने सख्त रुख अख्तियार किया है। बीजेपी की अनुशासन समिति ने 40 और कांग्रेस ने 50 से ज्यादा नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। आपको बता दें पार्टी से निकाले गए नेताओं में कई नेता दिग्गज हैं। इनमें मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री तक शामिल हैं। बीजेपी नेताओं का साफ कहना है कि निष्कासित किए गए नेताओं को हमेशा के लिए बाहर कर दिया गया है।
चलिए जानते हैं बीजेपी ने किन-किन नेताओं को निष्कासित किया है...
भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मंत्री यूनुस खान को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। आपको बता दें यूनुस खान बीजेपी के दिग्गज नेताओं में से थे और वे एक समय में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के ट्रबल शूटर्स में सबसे पहले नंबर पर थे। आपको ये भी बता दें कि पिछले चुनाव में बीजेपी ने सिर्फ एक मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया था वो थे यूनुस खान, लेकिन पार्टी ने इस बार उनका टिकट काट दिया जिसके बाद टिकट नहीं मिलने से खफा बीजेपी के बड़े मुस्लिम चेहरे यूनुस खान ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया था और इसके साथ ही यूनुस खान ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी घोषणा की थी।
चित्तौडगढ़ मौजूदा विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या को निष्कासित कर दिया। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ विधानसभा से बीजेपी का टिकट नहीं मिलने से खफा चंद्रभान सिंह आक्या बीजेपी के दिग्गज नेताओं में आते थे। लेकिन इस बार उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर नामांकन दाखिल कर दिया था। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया।
रविन्द्र सिंह भाटी ने पिछले महीने ही इस शर्त पर बीजेपी ज्वाइन की थी कि उन्हें शिव से टिकट मिलेगा, लेकिन टिकट नहीं मिलने की वजह से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर निर्दलीय चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया था। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया।
इनके अलावा बंशीधर बाजिया, जीवाराम चौधरी, राजेन्द्र भादू, पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत, आशा मीना, शिमला बावरी पार्टी, राजेंद्र भांबू, जितेन्द्र मीना, मुकेश गोयल, दिनेश बड़ाला, पवनी मेघवाल, कैलाश मेघवाल (पिलानी), अशोक सिंह रावत, दिनेश बुनकर, महेन्द्र सिंह रावत और इन्दर सिंह बागावास, प्रियंका चौधरी, रामचन्द्र सुनारीवाल, सीएल सैनी, गोपाल भाई, ज्ञानचंद सारस्वत, कुंदन वैष्णव, पूर्व विधायक किसनाराम नाई, पूर्व महामंत्री नितिन नाई, पूर्व पार्षद आशीष जाड़ीवाल, महिला मोर्चा की पूर्व महामंत्री विमला उपाध्याय, पवन मेघवाल और सीकर के उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल सहित एक दर्जन अन्य नेताओं को पार्टी ने निष्कासित किया है।
कांग्रेस ने मौजूद विधायक जौहरीलाल मीना को निष्कासित कर दिया जौहरीलाल मीना कांग्रेस के लोकप्रिय नेता है लेकिन पार्टी ने इस बार उनका टिकट काट दिया। जिसके बाद उन्होंने राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ सीट से कांग्रेस पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था। जिसके बाद जौहरीलाल मीना ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर निर्दलीय चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया था। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया।
सिटिंग विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा को कांग्रेस ने इस बार टिकट नहीं दिया है। पार्टी ने उनकी जगह इस सीट से संजय जाटव को उम्मीदवार बनाया है। जिसके बाद खिलाड़ी लाल बैरवा ने राज्य अनुसूचित जाति आयोग के पद से इस्तीफा दे दिया और उसी सीट पर नामांकन भर दिया है। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया।
नरेश कुमार मीना कांग्रेस के लोकप्रिय नेताओं में से एक है, लेकिन पार्टी ने इस बार विधासभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया। जिसके बाद नरेश कुमार मीना ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर निर्दलीय चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया था। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया।
राहुल कुमार मीना, शीला मीना, डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, करूणा, अशोक चाण्डक, डॉ. गोविन्द शर्मा, ओम बिश्रोई, सुनील परिहार, राकेश बोयत, डॉ. अजीजुद्दीन आजाद, गोपाल गुर्जर, पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान खान अशरफी, फतेह खान, राजकरण चौधरी, कैलाश मीना, देवराम रोत, महेन्द्र बरजोड़, वीरेन्द्र बेनीवाल, रामचन्द्र सराधना, भीम गुर्जर सुरज्ञान सिंह घौसल्या, हरिकिशन तिवारी, राघव राम मीना, कल्पना, रामनिवास गोयल, रामलाल मेघवाल, विशेष कुमार मीना, पन्नालाल डोडियार, बलराम यादव, गणेश राज बंसल, डॉ. शमशेर अली सैय्यद, अंजली यादव, सिमरत संधू, मीनू सैनी, सत्यनारायण विश्नोई, वाजिद खान, रेवंतराम पंवार, लच्छाराम बढ़ारड़ा, डॉ. अजय त्रिवेदी, उमरदराज, डॉ. विक्रम सिंह गुर्जर, अशोक खाण्डपा मेघवाल, बृजेश जाटव, आनन्दी राम खटीक, डॉ. परम नवदीप सिंह, महेश मोरदिया और प्रहलाद नारायण बैरवा सहित अन्य नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने चुनाव से पहले बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने कई नेताओं को पार्टी से निष्काषित तो कर दिया है, लेकिन इसका चुनाव पर क्या असर पड़ेगा। ये तो आने वाला 3 दिसंबर ही तय करेगा, क्योंकि 3 दिसंबर को चुनाव के परिणाम घोषित हो जायेंगे।