द नगरी न्यूज़ डेस्क : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने युपी में योगी सरकार के द्वारा कावड यात्रा के दौरान दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने के आदेश की आलोचना की है उन्होने कहा की वे मुसलमानों, दलितों के अधिकारों को खत्म करना चाहते हैं इन लोगों (बीजेपी) की हरकत से मुल्क में तानव पैदा हो रहा है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा की हमारा संविधान समान अधिकार देता है और किसी के साथ भेदभाव नहीं करना वे(भाजपा) संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। राहुल गांधी ने सही कहा कि अगर वे 400(लोकसभा चुनाव में सीटें) पार कर गए तो वे संविधान को नष्ट कर देंगे मुझे लगता है कि इस चुनाव में उन्हें वोट देने वाले लोगों को यह संकेत मिल गया होगा कि वे किसी भी कीमत पर संविधान को नष्ट करना चाहते हैं। वे मुसलमानों, दलितों के अधिकारों को खत्म करना चाहते है।
युपी सरकार के आदेश की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेडा ने भी कुछ दिन पहले अपने सोशल मीडिया के अपने अकाउंट एक्स पर लिखा की कांवड़ यात्रा के रूट पर फल सब्ज़ी विक्रेताओं व रेस्टोरेंट ढाबा मालिकों को बोर्ड पर अपना नाम लिखना आवश्यक होगा। यह मुसलमानों के आर्थिक बॉयकॉट की दिशा में उठाया कदम है या दलितों के आर्थिक बॉयकॉट का, या दोनों का, हमें नहीं मालूम। जो लोग यह तय करना चाहते थे कि कौन क्या खाएगा, अब वो यह भी तय करेंगे कि कौन किस से क्या ख़रीदेगा? जब इस बात का विरोध किया गया तो कहते हैं कि जब ढाबों के बोर्ड पर हलाल लिखा जाता है तब तो आप विरोध नहीं करते। इसका जवाब यह है कि जब किसी होटल के बोर्ड पर शुद्ध शाकाहारी भी लिखा होता है तब भी हम होटल के मालिक, रसोइये, वेटर का नाम नहीं पूछते। किसी रेहड़ी या ढाबे पर शुद्ध शाकाहारी, झटका, हलाल या कोशर लिखा होने से खाने वाले को अपनी पसंद का भोजन चुनने में सहायता मिलती है। लेकिन ढाबा मालिक का नाम लिखने से किसे क्या लाभ होगा? भारत के बड़े मीट एक्सपोर्टर हिंदू हैं। क्या हिंदुओं द्वारा बेचा गया मीट दाल भात बन जाता है? ठीक वैसे ही क्या किसी अल्ताफ़ या रशीद द्वारा बेचे गए आम अमरूद गोश्त तो नहीं बन जाएँगे।
मेरठ के बाट-माप विभाग के प्रभारी वी के मिश्रा ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अनुसार, प्रत्येक रेस्टोरेंट या ढाबा संचालक के लिए फर्म का नाम, अपना नाम और लाइसेंस नंबर लिखना अनिवार्य है। उनके अनुसार 'जागो ग्राहक जागो' योजना के तहत नोटिस बोर्ड पर मूल्य सूची भी लगाना अनिवार्य है।
मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अभिषेक सिंह ने सोमवार को कहा था, “जिले में कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यहां लगभग 240 किलोमीटर लंबा कांवड़ मार्ग है। मार्ग पर स्थित सभी होटलों, ढाबों और ठेले वालों से अपने मालिकों या फिर वहां काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने को कहा गया है। यह इसलिए जरूरी है, ताकि किसी कांवड़िये के मन में कोई भ्रम न रहे। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि कांवड़ियों के बीच कोई भ्रम न हो और कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा न हो।