प्रदेश में कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने और पुलिसिंग में पारदर्शिता लाने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप पुलिस विभाग पूरी तरह एक्शन मोड में है। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने इसी कड़ी में प्रदेशभर में रेंज-स्तरीय समीक्षा बैठकों की शुरुआत की है। गत सप्ताह भरतपुर में पहली बैठक के बाद सोमवार को उदयपुर रेंज की अहम समीक्षा बैठक डूंगरपुर पुलिस लाइन सभागार में हुई।
करीब 8 घण्टों तक चली इस मैराथन बैठक में क्षेत्र में कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, पुलिसिंग की गुणवत्ता, साइबर क्राइम, लंबित आपराधिक प्रकरणों पर की जा रही कार्यवाही, विशिष्ट अभियानों के संचालन, नवीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन सहित विभिन्न विषयों की समीक्षा कर महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए।
डीजीपी शर्मा ने बैठक में कहा कि गत वर्षों में देखा गया है कि प्रदेश में गंभीर धाराओं में दर्ज होने वाले कई प्रकरण झूठे पाए जा रहे हैं। इस तरह के झूठे केसों से न केवल पुलिस का समय बर्बाद होता है बल्कि राज्य की छवि भी खराब होती है। उन्होंने यह भी कहा कि दर्ज होने वाले प्रत्येक प्रकरण में पुलिस बिना किसी पूर्वाग्रह के पूरी ईमानदारी से जांच करे, आरोप सही पाए जाने पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करे । यदि कोई केस झूठा पाया जाता है तो तुरंत संबंधित व्यक्ति पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को हरियाणा और पंजाब से आने वाली अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए पूरी सतर्कता के साथ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केमिकल सप्लायर पर नजर रखें तथा दोषियों की संपत्ति अटैचमेंट की कार्यवाही करें। उन्होंने अवैध शराब के प्रकरणों पर कहा कि वर्ष 2024-25 के प्रकरणों में जब्ती की कार्यवाही की सूची बनावें और शराब तस्करी के तंत्र की अपने स्तर पर समीक्षा कर सात दिनों में प्राप्त निष्कर्ष की जानकारी आईजी को उपलब्ध करावें।
बैठक में डीजीपी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु अत्यंत दुखद है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस को ऐसे ठोस प्रयास करने होंगे जिनसे दुर्घटनाओं में कमी आए और जनहानि को रोका जा सके। डीजीपी ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि अपने क्षेत्र में ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित कर सुनिश्चित करें कि इन स्थलों पर दोबारा दुर्घटना न हो। उन्होंने कहा कि सड़कों पर रिफ्लेक्टर लगाए जाएं, झाड़ियों की कटाई की जाए और ज़ेब्रा लाइन बनवाए जाएं ताकि दुर्घटनाओं की संभावना न्यूनतम हो। उदयपुर एसपी श्री योगेश गोयल ने राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी , डीजीपी उदयपुर में किए सुधारों को अनुकरणीय बताया। इसके साथ ही उन्होंने ओवरलोडिंग और ओवरस्पीडिंग पर अंकुश लगाने तथा ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों में सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
डीजीपी ने हार्डकोर अपराधियों, हिस्ट्रीशीटरों और पहले पकड़े गए या चिन्हित किए गए अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए ताकि अपराध की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि कोई अपराधी जेल से छूटने या बरी होने के बाद फिर से कोई अपराध करता है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित पुलिस अधिकारियों की होगी। सभी थानाधिकारियों को ऐसे अपराधियों पर सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए गए।
डीजीपी ने आईटी एक्ट व साइबर क्राइम के मामलों पर बिना देरी किए त्वरित गति से कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने हर जिले में स्थापित की गई साइबर डेस्क की कार्यप्रणाली की जानकारी लेकर दर्ज प्रकरणों और आम जनों को दी गयी राहत की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि कम से कम तीन लोगों को साइबर अपराध से निपटने के लिए उचित प्रशिक्षण दिया जाए ताकि तकनीक का उपयोग कर प्रभावी कार्रवाई कर राहत दी जा सके।
डूंगरपुर जिले की समीक्षा दौरान एसपी श्री मनीष कुमार ने जिले में लागू किये गए नवाचार 'ऑपरेशन संस्कार' के तहत रील्स तैयार करने व सोशल मीडिया के इस्तेमाल कर जनजागृति पैदा करने की जानकारी दी तो डीजीपी श्री शर्मा ने इसकी सराहना करते हुए अनुकरणीय बताया। डूंगरपुर पुलिस लाइन सभागार में आयोजित की गई इस बैठक में आईजी उदयपुर रेंज गौरव श्रीवास्तव और डीआईजी (कार्मिक) व डीजीपी के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर कुंवर राष्ट्रदीप भी शामिल हुए। बैठक के आरंभ में आईजी श्रीवास्तव ने स्वागत करते हुए उदयपुर रेंज के समग्र पुलिस परिदृश्य को प्रस्तुत किया। बैठक में उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर जिलों के एसपी, एएसपी, डिप्टी और एसएचओ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।