सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने बीज उत्पादन एवं जैविक उत्पादों के विपणन के संबंध में सहकारी समिति सदस्यों एवं किसानों को प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सदस्यों को समुचित प्रशिक्षण उपलब्ध होने से कार्यकुशलता में वृद्धि होगी, जिससे इस दिशा में बेहतर रूप से कार्य किया जा सकेगा।
राजपाल ने शासन सचिवालय में भारतीय बीज सहकारी समिति लि. (BBSSL) एवं राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लि. (NCOL) के अधिकारियों से चर्चा करते हुए यह बात कही। उन्होंने राजस्थान राज्य क्रय-विक्रय सहकारी संघ (राजफेड) और राष्ट्रीय स्तर पर गठित दोनों बहुराज्यीय सहकारी समितियों के मध्य हुए एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आगामी दिनों में इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे, जिसका लाभ सहकारी समितियों एवं किसानों को प्रत्यक्ष रूप में मिलेगा। इससे जैविक उत्पादों के विपणन एवं किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करवाने के साथ ही उन्हें आजीविका के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने तथा बाजार तक कृषक समूहों की पहुंच बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
प्रमुख शासन सचिव ने इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर आगामी रोडमैप पर चर्चा करने तथा शीघ्र सुचारू रूप से कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर गठित एक अन्य बहुराज्यीय सहकारी समिति राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लि. (NCEL) के साथ आगामी 14 जुलाई को एमओयू किया जाना प्रस्तावित है। इससे निर्यात के क्षेत्र में सहकारी समितियों को कार्य करने का अवसर मिलेगा, जिससे सहकारी समितियों द्वारा तैयार उत्पादों की विदेश में भी पहुंच होगी। इससे प्रदेश के उत्पादों को वैश्विक पहचान मिलेगी तथा सहकारी समितियों की आय में वृद्धि होगी।
राजपाल ने कहा कि सहकारी समितियों एवं किसानों की आय में वृद्धि के दृष्टिगत केन्द्र सरकार द्वारा उक्त तीनों सहकारी समितियों भारतीय बीज सहकारी समिति लि.,राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लि. एवं राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लि. का गठन किया गया है। उन्होंने राज्य की सहकारी समितियों को अधिकाधिक संख्या में इनकी सदस्यता ग्रहण करवाने पर जोर दिया ताकि उन्हें अपने व्यवसाय में वृद्धि के लिए उचित सहयोग एवं मार्गदर्शन प्राप्त हो सके।