राजस्थान की भजनलाल सरकार ( Bhajan Lal Sharma ) एक के बाद एक बड़े कदम उठा रही है दरअसल राज्य सरकार ने अब सस्ती बिजली पैदा करने के लिए अहम कदम उठाया है, जो कि राजस्थान के बीकानेर के गुढ़ा पश्चिम में बनने वाला 125 मेगावाट क्षमता का प्लांट लिग्नाइट से बिजली पैदा करेगा, इसके लिए राज्य विद्युत उत्पादन निगम और भारत सरकार की कंपनी नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन मिलकर काम करेंगे
इसके लिए ज्वाइंट वेंचर के तहत दोनों की हिस्सेदारी तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, हाल ही में दोनों कंपनियों के बीच हुई बैठक में प्लांट के निर्माण और संचालन को लेकर चर्चा हुई थी, बैठक में हुए निर्णय पर जल्द ही एक संयुक्त उद्यम कंपनी बनाई जाएगी, निगम अधिकारियों के अनुसार, राजस्थान में लिग्नाइट प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और सस्ता ईंधन होने के कारण इससे बिजली उत्पादन की लागत 3.80 रुपये प्रति यूनिट आंकी गई है, जो की यह दर पहले वर्ष के लिए है, इसके बाद बिजली उत्पादन दर में और कमी आने की संभावना है
सस्ते उत्पादन का क्या कारण यह है कि लिग्नाइट खदान भी यहीं स्थित है, इससे परिवहन लागत में प्रति टन लगभग 2 हजार रुपये की बचत होगी, वहीं, थर्मल पावर प्लांट के लिए कोयला छत्तीसगढ़, ओडिशा से मंगाया जा रहा है। इसके लिए भारी परिवहन लागत वहन करनी पड़ती है, यही कारण है कि थर्मल पावर प्लांट की तुलना में यहां बिजली उत्पादन 90 पैसे से एक रुपये प्रति यूनिट तक सस्ता होगा
क्षमता शुल्क- 2.46 रुपये प्रति यूनिट
वेरिएबल चार्ज- 1.33 रुपये प्रति यूनिट
कुल चार्ज- 3.79 रुपये प्रति यूनिट
प्लांट के लिए करीब 119 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना था यह प्रक्रिया काफी पहले ही पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण इसमें देरी हुई, लेकिन अब इस काम में तेजी बरती जा रही हैं
बाड़मेर में ही जालिपा कपूरड़ी माइंस में लिग्नाइट का भंडार है और इससे करीब 30 से 35 साल तक आसानी से बिजली पैदा की जा सकेगी।
राजस्थान में लिग्नाइट से बिजली बनाई जा रही है, लेकिन यह काम एक निजी कंपनी कर रही है। राजवेस्ट में 135-135 मेगावाट क्षमता की 8 इकाइयां हैं और यह कई वर्षों से जालिपा कपूरडी माइंस से लिग्नाइट ले रही है