शिक्षक संगठन रेसला लगातार ज्ञापन के माध्यम से सरकार तक व्याख्याताओ की मांगों के संबंध में आग्रह कर रहा है लेकिन लंबे समय से उनकी मांगों पर राज्य सरकार सकारात्मक रूख नहीं अपनाकर शिक्षकों के साथ बेरूखी का व्यवहार किया जा रहा है जिससे आहत होकर संगठन ने राज्यव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है।
संगठन का कहना है कि प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में 5000 के लगभग विद्यालय क्रमोन्नत किये गए हैं लेकिन तीन वर्षों से व्याख्याताओं के पदों का सृजन नहीं किया जा रहा जिससे हर महीने हजारों व्याख्याताओं के वेतन व्यवस्था के कारण परेशानी हो रही है। इसके साथ ही उप प्राचार्य का पद समाप्त कर राज्य सरकार ने वरिष्ठ व्याख्याता पदनाम से एक नया पद सृजित करने की घोषणा कर दी लेकिन इसका शिक्षकों में आक्रोश है। इसके अलावा शिक्षा विभाग में तीन - तीन वर्षों की विभिन्न कैडर की पदोन्नति लंबित चल रही है। उप प्राचार्य की वर्ष 2023-24, 2024-25 प्राचार्य पद पर 2025-26 तथा व्याख्याता पद पर 2023-24, 2024-25, 2025-26 वर्ष की डीपीसी बकाया है।
प्राचार्य डीपीसी के बाद काउंसलिंग नहीं होने से 4242 प्राचार्य यथास्थान कार्य ग्रहण कर पदस्थापन के इंतज़ार में। नवीन शैक्षणिक सत्र शुरू होकर प्रवेशोत्सव समापन की ओर है लेकिन इन प्राचार्य को पदस्थापन नहीं देने से नामांकन पर भी प्रभाव पडेगा। पिछले आठ वर्ष से एसबीसी के व्याख्याताओं का स्थायीकरण नहीं किया जा रहा। इन व्याख्याताओं को मेरिट नंबर ही अलाट नहीं किया गया और इनको शून्य मेरिट देकर पिछले आठ वर्षों से स्थायीकरण से वंचित रखा जा रहा है।
प्रदेश महामंत्री डॉ. अशोक जाट का कहना है कि सरकार और निदेशालय स्तर पर शिक्षकों की लंबित मांगों के संबंध में अनेक बार ज्ञापन देने, धरना देने के बाद भी सरकार कोई कदम नहीं उठा रही अत: चरणबद्ध उपखंड कार्यालय, जिला कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन दिया जायेगा। 21 अगस्त बीकानेर शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया जायेगा और फिर मांगे नहीं माने जाने पर विधानसभा सत्र के दौरान रैली कर धरना दिया जायेगा।