पशुपालन, गोपालन और मत्स्य विभाग के शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने विभाग में गुणात्मक परिवर्तन के लिए अधिकारियों को पूरी निष्ठा से काम करने के निर्देश दिए हैं। डॉ शर्मा सोमवार को पशुधन भवन में पशुपालन विभाग के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। डॉ शर्मा ने पशुपालन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन एवं बजट घोषणाओं की क्रियान्विति सहित अन्य मुद्दों पर अधिकारियों से चर्चा की। बैठक में संयुक्त सचिव दिनेश कुमार जांगिड़, पशुपालन निदेशक तथा आरएलडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आनंद सेजरा, पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ सुरेश मीना, डॉ विकास शर्मा, डॉ ओमप्रकाश बुनकर, डॉ हेमंत पंत सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में शासन सचिव ने कहा कि विभाग के कार्यों में पिछले दिनों में काफी सुधार हुआ है। जिलों की संस्थाओं में अधिकारी कर्मचारी समय पर अपनी उपस्थिति दे रहे हैं और संस्थाओं में काम होने लगा है। इसके लिए विभाग के सभी कार्मिक बधाई के पात्र हैं। अब हमें अपने अनुशासन, कर्मठता और तत्परता से विभाग में गुणात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करना है। और विभाग को विशेषज्ञ सेवाओं के रूप में स्थापित करते हुए अपनी अलग पहचान कायम करनी है
डॉ शर्मा ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना, नवीन एवं क्रमोन्नत पशु चिकित्सा उप केंद्रों के लिए पट्टा आवंटन तथा मोबाईल वेटरिनरी यूनिट की प्रगति की पर संतोष व्यक्त करते हुए और गति देने की आवश्यकता जताई। उन्होंने पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजना के तहत दवाईयों का क्रयादेश जल्द जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि पशुओं की सभी दवाईयां अस्पताल से ही देना सुनिश्चित करें। शासन सचिव ने संस्थानों को भेजे गए उपकरणों और फर्नीचर आदि के समुचित उपयोग का निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने टीकाकरण के लिए एक समुचित व्यवस्था बनाकर इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए।
पशुधन निरीक्षकों को दिए जा रहे कृत्रिम गर्भाधान संबंधी सुनियोजित प्रशिक्षण पर बल देते हुए डॉ शर्मा ने निर्देश दिए कि प्रशिक्षण के बाद उनके सैद्धान्तिक और प्रायोगिक परीक्षण और प्रमाणीकरण की भी पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने नव नियुक्त पशु परिचरों के भी प्रशिक्षण की व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने जिलों में नकारा सामानों की नीलामी के कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करते हुए जल्द से जल्द इस कार्य को संपन्न करने के निर्देश दिए।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि हिंगोनिया नेत्र चिकित्सालय के लिए कार्यकारी एजेंसी के रूप में नगर निगम को चिन्हित कर लिया गया है और जल्द ही उन्हें इसके लिए बजट आवंटित कर काम प्रारंभ कर दिया जाएगा। इसके अलावा बजट घोषणा अनुरूप सभी काम तय समयावधि में पूरे करने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। जिलों में पशु मेलों के आयोजन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। सेक्स सॉर्टेड सीमन के उत्पादन के लिए बस्सी मे ंतीन मशीनें स्थापित हो चुकी हैं और नवंबर महीने से 15 हजार डोज प्रति महीने उपलब्ध हो सकेंगी।
इस अवसर पर विभाग के संयुक्त शासन सचिव श्री दिनेश कुमार जांगिड़ ने स्वस्थ तन और मन के साथ टीम भावना और नियमों की पूरी जानकारी के साथ काम करने पर बल दिया। उन्होंने विभागीय योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव जो कि वित्त विभाग के स्तर पर लंबित हैं को सूचीबद्ध किए जाने की आवश्यकता जताई