सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने कहा कि किसानों को अधिक से अधिक राहत प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अल्पकालीन सहकारी साख संरचना के अंतर्गत फसली ऋण प्राप्त करने वाले किसानों के बीमा के लिए व्यावहारिक विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए, जिससे किसानों पर प्रीमियम का भार कम आए और उनके दावों का निस्तारण आसानी से हो सके।
दक गुरुवार को अपेक्स बैंक सभागार में सहकार जीवन रक्षा बीमा योजना की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में यह देखा गया है कि बीमा कम्पनियों द्वारा वसूले जाने वाले प्रीमियम और क्लेम की राशि में काफी अंतर होता है। बीमा कम्पनी द्वारा किसानों को किये जाने वाले दावों के भुगतान की राशि वसूले जाने वाले प्रीमियम की राशि की तुलना में बहुत कम होती है। अधिक प्रीमियम राशि के कारण किसानों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि किसानों को बीमा कम्पनियों की मनमानी से बचाने तथा उन्हें आर्थिक राहत दिलाने के लिए रिस्क रिलीफ फंड बनाया जाए। उन्होंने इस संबंध में तैयार किए गए ड्राफ्ट पर स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा कर उनके सुझाव सुने।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि वर्तमान में बीमा कम्पनी द्वारा अलग-अलग आयु वर्ग के लिए प्रीमियम की अलग-अलग दरें तय की हुई है। रिस्क रिलीफ फंड के अंतर्गत सभी आयु वर्ग के कृषकों के लिए एक समान प्रीमियम दर निर्धारित की जाए। रिस्क रिलीफ फंड का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों द्वारा ऑनलाइन एवं ऑफलाइन पंजीकरण करवाने का प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रीमियम राशि के तौर पर ऋण राशि का एक प्रतिशत का प्रावधान उचित है। इससे किसानों को ऋण राशि के अनुपात में ही प्रीमियम का भुगतान करना होगा, जो वर्तमान में बीमा कम्पनी द्वारा लिए जा रहे प्रीमियम से कई गुना कम होगा।
दक ने रिस्क रिलीफ फंड योजना लागू करने तथा इसे प्रभावी बनाने के संबंध में विभिन्न केन्द्रीय सहकारी बैंकों, प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों एवं पैक्स से जुड़े जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों सहित अन्य हितधारकों के सुझाव सुनें तथा इन सुझावों को परीक्षण के उपरान्त नई योजना में शामिल करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में शामिल जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों ने विभाग द्वारा की जा रही इस पहल के लिए श्री दक का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
बैठक में सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल, अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक संजय पाठक एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय) संदीप खण्डेलवाल सहित संबंधित अधिकारी तथा विभिन्न केन्द्रीय सहकारी बैंकों, प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों एवं पैक्स से जुड़े जनप्रतिनिधि तथा अधिकारी उपस्थित रहे।