मानसून सीजन में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए विद्यालयों एवं आंगबाड़ी केन्द्रों के भवनों को लेकर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने अधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश जारी किये हैं। जिसमें अधिकारियों को हर हाल में विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की सख्त हिदायत दी गई है। दिशा निर्देशों की पालना में लापरवाही एवं किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देशों की अनुपालना में उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी शनिवार को राजकीय अवकाश के दिन फील्ड में उतरे एवं क्षेत्र में संचालित सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद अधिकारी जर्जर भवनों की मरम्मत कार्य सुनिश्चित करेंगे साथ ही इस अवधि में वैकल्पिक स्थान पर ऐसे विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन होगा। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में समस्त विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों एवं जर्जर मकानों का सघन सर्वे कर क्षतिग्रस्त एवं जीर्ण-शीर्ण भवनो को चिन्हित करने व उनको तत्काल वैकल्पिक स्थानों पर शिफ्ट करवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
साथ ही विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा साज दिन में जिले में ढीली विद्युत लाइन, कम ऊंचाई पर लगे ट्रांसफार्मर, टेढ़े एवं जर्जर विद्युत पोल इत्यादि को दुरुस्त करवा कर निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप व्यवस्था सुचारू होने का सर्टिफिकेट जारी करवाये जाने के लिए निर्देशित किया गया है। जिला कलक्टर ने क्षतिग्रस्त एवं जीर्ण-शीर्ण भवनों को चिन्हित करने के उपरान्त इनका उपयोग बच्चों को बैठाने व अन्य किसी भी गतिविधि में ना हो यह भी सुनिश्चित करने, जीर्ण-शीर्ण पाए गए विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी भवनों से बच्चों को वैकल्पिक एवं सुरक्षित भवन चिन्हित कर उनमें शिफ्ट करवाने, शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जीर्ण-शीर्ण भवनों से भी परिवारों को शिफ्ट करवाने, ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालयों में आवागमन के रास्तों को दुरुस्त करवाने के निर्देश दिये।
जिला कलक्टर ने मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों एवं पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को विद्यालय परिसर में जर्जर भवनों, कमरों में विद्यार्थियों को नहीं बैठाने, आस-पास के क्षेत्र को चिन्हित कर ब्लॉक करने, वर्षाकाल में विद्यालय भवन की छतों का नियमित निरीक्षण करने, छतों एवं नालों की सफाई करवाने, भवन की छतों पर जल निकासी सुनिश्चित करने, विद्यालय भवन एवं चारदीवारी की नीवों में पानी न भरे, गढ्ढे हो तो तुरंत सूखी मिट्टी से भरवाने तथा विद्यालय परिसर में पानी निकासी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए हैं।
अधिकारियों को विद्यालय के आस-पास नाडी, तालाब होने की स्थिति में सुस्पष्ट एवं सदृश्य चेतावनी बोर्ड लगवाने, विद्यालय परिसर या उसके आस पास खुले कुएं, बोरवेल, टांके, टैंक इत्यादि खुले हो तो उन्हें तुरन्त बन्द करवाने, विद्यालय कमरों की दिवारों के बिलकुल पास पेड़-पौधे न लगाने, विद्यालय परिसर में विद्युत पोल ना हो, बिजली के तार खुले ना छोड़ने एवं तुरन्त मरम्मत करवाने के साथ-साथ अतिवृष्टि होने पर विद्यार्थियों हेतु अवकाश रखने की स्थिति में उच्च अधिकारियों एवं अभिभावकों को सूचित करने के लिए निर्देशित किया है।