टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में एडमिट थे और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। उन्होने बुधवार देर रात अंतिम सास ली। टाटा का पार्थिव शरीर नरीमन पॉइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) में रखा गया है। यहां लोग शाम 4 बजे तक अंतिम दर्शन कर सकेंगे। शाम को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को ब्रिटिश राज के दौरान बॉम्बे, अब मुंबई में एक पारसी परिवार में हुआ था। वह नवल टाटा के बेटे थे, जिनका जन्म सूरत में हुआ था और बाद में उन्हें टाटा परिवार में गोद ले लिया गया था। वही जब रतन टाटा 10 वर्ष के थे तब उनके माता-पिता अलग हो गए और बाद में उनकी दादी और रतन टाटा की विधवा नवाजबाई टाटा ने उनका पालन-पोषण किया और उन्हें गोद ले लिया। वही टाटा टाटा ने 8वीं कक्षा तक मुंबई के कैंपियन स्कूल में पढ़ाई की। उसके बाद, उन्होंने मुंबई में कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, शिमला में बिशप कॉटन स्कूल और न्यूयॉर्क शहर में रिवरडेल कंट्री स्कूल में पढ़ाई की, जहां से उन्होंने 1955 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1959 में वास्तुकला में स्नातक की डिग्री।
1970 के दशक में, रतन टाटा को टाटा समूह में प्रबंधकीय पद पर नियुक्त किया गया था। वह शुरू में सहायक कंपनी नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स को पुनर्जीवित करने में सफल रहे, लेकिन आर्थिक मंदी के दौरान यह विफल हो गई। 1991 में, जे. आर. डी टाटा ने टाटा संस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया। 21 वर्षों तक टाटा समूह का नेतृत्व करते हुए, राजस्व 40 गुना से अधिक और लाभ 50 गुना से अधिक बढ़ गया जब रतन टाटा ने कंपनी की कमान संभाली, तो अधिकांश बिक्री कमोडिटी बिक्री थी, लेकिन उनके कार्यकाल के अंत तक,अधिकांश बिक्री ब्रांडों से हुई। उनके नेतृत्व में, टाटा टी ने टेटली का अधिग्रहण किया, टाटा मोटर्स ने जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण किया, और टाटा स्टील ने कोरस का अधिग्रहण किया। इन अधिग्रहणों ने टाटा को मुख्य रूप से भारत-केंद्रित समूह से एक वैश्विक व्यवसाय में बदल दिया, जिसका 65% से अधिक राजस्व अंतरराष्ट्रीय परिचालन और बिक्री से आता था।75 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर, रतन टाटा ने 28 दिसंबर 2012 को टाटा समूह में अपनी कार्यकारी भूमिका से इस्तीफा दे दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकांउट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा की टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक टाटा ग्रुप को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। उनका योगदान बोर्ड रूम से कहीं आगे तक गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया उन्होने अपने सोशल मीडिया अकांउट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा की भारत ने एक ऐसे आइकॉन को खो दिया है, जिन्होंने कॉर्पोरेट ग्रोथ, राष्ट्र निर्माण और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की विरासत को आगे बढ़ाया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया उन्होने अपने सोशल मीडिया अकांउट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कीरतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे। उन्होंने बिजनेस और परोपकार दोनों पर कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा कम्युनिटी के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखर ने इस मौके पर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, 'हम अत्यंत क्षति की भावना के साथ श्री रतन नवल टाटा को अंतिम विदाई दे रहे हैं। एक असाधारण नेता जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को आकार दिया बल्कि हमारे राष्ट्र का मूल ताना-बाना भी बुना। टाटा समूह के लिए, श्री टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं अधिक थे। मेरे लिए वह एक गुरु थे, मार्गदर्शक और मित्र भी थे।'