प्रबंध निदेशक ने स्पष्ट किया कि कुछ लोगों द्वारा फैलाया जा रहा है कि स्मार्ट मीटर पुराने मीटरों की तुलना में अधिक यूनिट दर्शाते हैं, जबकि यह तकनीकी रूप से गलत और भ्रामक है। सभी स्मार्ट मीटर भारतीय मानकों के अनुरूप प्रमाणित निर्माण इकाइयों में तैयार किए जाते हैं और इन्हें राष्ट्रीय मानक परीक्षण प्रयोगशालाओं में जांचा-परखा जाता है।
डॉ. भंवरलाल ने बताया कि उपभोक्ताओं के विश्वास को बनाए रखने के लिए डिस्कॉम ने कुछ स्थानों पर चेक मीटर भी लगाए हैं। इन मीटरों का उद्देश्य उपभोक्ता मीटर की रीडिंग का तकनीकी सत्यापन करना है। चेक मीटर की रीडिंग बिलिंग के लिए नहीं ली जाती बल्कि विवाद की स्थिति में यह तकनीकी साक्ष्य के रूप में काम करता है।
अगर किसी उपभोक्ता को मीटर रीडिंग पर संदेह हो, तो वह डिस्कॉम से मीटर जांच की मांग कर सकता है। यदि मीटर में कोई तकनीकी दोष पाया जाता है तो उसे तुरंत बदला जाएगा।
डॉ. भंवरलाल ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें। स्मार्ट मीटर उपभोक्ता के हित में एक आधुनिक तकनीकी नवाचार है, जिससे पारदर्शिता और सेवा गुणवत्ता सुनिश्चित होती है। किसी भी आशंका या शिकायत की स्थिति में उपभोक्ता निकटतम डिस्कॉम कार्यालय या ऑनलाइन शिकायत पोर्टल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।