आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी की ओर से उदयपुर में भाजपा की ओर से संभाग स्तरीय जनजाति प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। 18 अगस्त को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में केंद्रीय जनजाति मंत्री अर्जुन मुंडा मुख्य अतिथि होंगे। इस सम्मेलन का आयोजन उदयपुर के सुखड़िया विश्वविद्यालय में किया जाएगा। जहां बीजेपी विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए समाज के विभिन्न वर्गों में पार्टी की नीतियों और योजनाओं को पहुंचाने के लिए कार्यक्रम तय करेगी।
भारतीय जनता पार्टी जनजाति मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष नारायण मीणा ने बताया कि कांग्रेस शासन में जनजाति वर्ग का भला नहीं हो पाया। बरसों तक राज करने के बाद भी कांग्रेस ने जनजाति वर्ग को केवल वोट की पेटी तक ही सीमित रखा ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने जनजाति वर्ग के लिए अनेकों कार्य योजनाएं लाकर जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए कार्य किया इन सब बातों को लेकर जनजाति वर्ग के सभी जनप्रतिनिधि सरपंच उपसरपंच जिला परिषद सदस्य पंचायत समिति सदस्य प्रधान उप प्रधान जिला प्रमुख प्रमुख छात्र संघ के पूर्व वर्तमान अध्यक्ष और अनेकों क्षेत्र में कार्य करने वाले जनजाति वर्ग के प्रमुख व्यक्तियों का यह सम्मेलन 18 अगस्त को होने जा रहा है। इसमें जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए अनेकों बातों पर विचार विमर्श किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सह मंत्री विजया राहटकर जनजाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री मोती लाल मीणा विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
प्रेस वार्ता में जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश के उपाध्यक्ष चुन्नीलाल गरासिया ने बताया कि नवंबर में चुनाव संभव है और उदयपुर संभाग का पहला जनजाति सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें जनजाति समाज के जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। इस जनजाति सम्मेलन में बूथ स्तर तक की व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए जनजाति वर्ग के कार्यकर्ताओं को चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के नेतृत्व दिशा निर्देश दिए जाएंगे। वहीं सांसद अर्जुन लाल मीणा ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए एक व्यवस्थित विभाग बनाया गया मंत्रालय बना उसके बाद जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए आयोग भी बनाया गया। कांग्रेस ने सालों राज किया, परंतु जनजाति वर्ग के बंधुओं को केवल वोट बैंक ही माना। उनके उत्थान के लिए कभी ध्यान नहीं दिया जब से मोदी सरकार आई है, उन्होंने अपने कैबिनेट में जनजाति वर्ग के 8 मंत्रियों को स्थान दिया।
सांसद कनक मल कटारा ने बताया कि 2023 और 2024 दोनों ही वर्ष में पहले विधानसभा और बाद में केंद्र सरकार के चुनाव हैं। इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए पंच सरपंच से लेकर ऊपर तक के जनजाति समाज के जनप्रतिनिधियों का यह विशाल समागम होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव को देखते हुए जिले तो बढ़ा दिए हैं, परंतु इनकी व्यवस्थाएं कहां है। वह जमीन पर कोई योजना नहीं है। इंफ्रास्ट्रक्चर ऑफिस स्टाफ कर्मचारी आदि की व्यवस्थाओं के बारे में उनके पास अभी कोई जानकारी नहीं है, बस चुनाव को देखकर जिले बनाने का काम कर दिया है। इनके पास इतना बजट भी नहीं है। जितनी घोषणा यह कर रहे हैं, जनता सब जानती है चुनाव में जवाब देगी।