राजस्थान में अगर राजस्व देने की बात की जाए तो वाणिज्य कर विभाग के बाद आबकारी विभाग राजस्थान सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में दूसरे स्थान पर है, इन दोनों ही विभागों के राजस्व का योगदान राजस्थान की अर्थव्यवस्था में काफी महत्व रखता है, लेकिन आबकारी विभाग ने इस बार राजस्थान सरकार को निराश किया है
आबकारी विभाग अपने पिछले वित्त वर्ष से भी कम राजस्व अर्जित कर पाया है, जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में आबकारी ने 13 हजार 219 करोड़ करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जो की पिछले वित्त वर्ष से 107 करोड़ रुपये कम है, ऐसे में आबकारी विभाग के अफसरों पर कई तरह के सावल खड़े हो रहे है, क्या विभाग की निती में कोई कमी थी या प्रदेश में अवैध शराब की ब्रिकी बड़ी है
आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की माने तो रिवाइज्ड टारगेट में विभाग को 13 हजार 500 हजार करोड़ रुपये टारगेट किया गया था, लेकिन विभाग उसमें भी 107 करोड़ पिछे रहा है, हालांकि वित्त विभाग ने आबकारी विभाग के राजस्व अर्जन की खराब स्थिति को देखते हुए राजस्व लक्ष्य को रिवाइज किया है, मौजूदा समय में राजस्व लक्ष्य को घटाकर 13 हजार 500 करोड़ रुपये किया गया है, हालांकि यह अपने आप में रोचक है कि जब हर साल आबकारी विभाग का राजस्व लक्ष्य बढ़ाया जाता है, तब इस बार राजस्व लक्ष्य को कम किया जाना आबकारी नीति और अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, शुरुआती लक्ष्य से तुलना करें तो विभाग की प्राप्ति करीब 3781 करोड़ कम रहा है
आबकारी विभाग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि विभाग मार्च माह में 1455 करोड अर्जित कर खुद की पीठ थपथपा रहा है, लेकिन विभाग के अधिकारी रिवाइज्ड टारगेट को भी पूरा नहीं कर पाये है, ऐसे में विभाग को किस आधार पर घाटा हुआ है। इसकी विभाग को समिक्षा करनी चाहिए
साल 2009-10 में 2300.48 करोड़
साल 2010-11 में 2861.45 करोड़
साल 2011-12 में 3287 करोड़
साल 2012-13 में 3987 करोड़
साल 2013-14 में 4981.59 करोड़
साल 2014-15 में 5585.77 करोड़
साल 2015-16 में 6712 करोड़
साल 2016-17 में 7053.68 करोड़
साल 2017-18 में 7275.86 करोड़
साल 2018-19 में 8695 करोड़
साल 2019-20 में 9700 करोड़
साल 2020-21 में 9852.14 करोड़
साल 2021-22 में 11807.33 करोड़
साल 2022-23 में 13326.10 करोड़
साल 2023-24 में 13219 करोड़