देशभर में बच्चों और माता-पिता के बीच शिक्षा को लेकर जारी असंतुलन और तनाव के बीच, जयपुर से शुरू हुआ एक नया राष्ट्रीय अभियान “NEO-B” अब बच्चों की पढ़ाई, सोच और जीवन मूल्यों को जोड़ने के लिए तैयार है। राजस्थान के राजधानी शहर जयपुर में आयोजित एक भव्य प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए इस पहल का शुभारंभ हुआ, जिसमें शिक्षाविदों, माता-पिता, मीडिया विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान के मारवाड़ लाउंज में हुआ और इसका मुख्यालय मानसरोवर, जयपुर में स्थापित किया गया है।
NEO-B यानी New Era of Being एक ऐसा मंच है जो बच्चों को सिर्फ पढ़ाई में नंबर लाने की होड़ से हटाकर, उन्हें जीवन के लिए तैयार करने की बात करता है।इसका फोकस है बच्चों की भावनात्मक समझ, संवाद कौशल और सामाजिक ज़िम्मेदारी को विकसित करना।
शिक्षा और वैल्यू-बेस्ड काउंसलिंग में वर्षों से सक्रिय और इस पहल की सह-संस्थापक विजेता माहेश्वरी ने कहा: “NEO-B सिर्फ एक ब्रांड नहीं है, ये एक प्लेटफॉर्म है, जहाँ बच्चा सुना जाता है, समझा जाता है और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ता है। वहीं सह-संस्थापक प्रियांक गुप्ता ने बताया “आज जब हर चीज़ डिजिटल हो गई है, हमें ऐसी शिक्षा की ज़रूरत है जो बच्चों को केवल जानकार न बनाए, बल्कि उन्हें सोचने और महसूस करने वाला इंसान बनाए।”
बच्चों की संवेदनशीलता और आत्म-विश्वास को बढ़ावा देना |
माता-पिता के लिए Parenting Circles — ताकि पेरेंटिंग सहयोग का रूप ले,
स्कूलों से बाहर भी बच्चों को Mini Learning Pods में सीखने का अवसर देना,
करुणा, आत्म-संयम और संवाद जैसे मूल्यों को पुनः केंद्र में लाना |
NEO-B आने वाले महीनों में देशभर में अपने शिक्षा-समूह, काउंसलिंग वर्कशॉप और सामुदायिक प्रोग्राम्स की शुरुआत करेगा। इसमें छोटे शहरों और गांवों को विशेष रूप से जोड़ा जाएगा ताकि बदलाव का असर सिर्फ शहरी नहीं, समाज के हर स्तर पर दिखाई दे। “हर बच्चा केवल एक छात्र नहीं होता वह एक व्यक्ति होता है, जिसकी आवाज़ सुनी जानी चाहिए।” “भारत को सिर्फ स्मार्ट लोग नहीं चाहिए, संवेदनशील और ज़िम्मेदार नागरिक भी चाहिए।” “NEO-B इस दिशा में एक आवश्यक हस्तक्षेप है, जिसकी आज सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।”