मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश के बाद राज्य के आपदा प्रबंधन और राहत विभाग के अधिकारियों ने आम जन को मानसून जनित हादसों से सुरक्षित रखने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसमें विभिन्न विभागों के ग्राम स्तरीय अधिकारियों तक को अलर्ट मोड पर रखकर समन्वय से कार्य करना, आमजन को जागरूक व सतर्क रखने के प्रयास शामिल हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान को समय रहते आमजन तक पहुंचाया जा रहा है ताकि समय पर वे सुरक्षित इलाकों में पहुंच जाए।
इस बीच मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि गुरूवार, 31 जुलाई को अजमेर, जयपुर, बीकानेर व जोधपुर संभाग के कुछ भागों में भारी व कहीं-कहीं अति भारी बारिश होने व कोटा, उदयपुर, भरतपुर संभाग में कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। दक्षिण-पूर्वी भागों में 1 अगस्त से भारी बारिश से सामान्य होने की संभावना है। शेखावाटी क्षेत्र व बीकानेर संभाग के कुछ भागों में भी 1 अगस्त को कहीं-कहीं भारी बारिश की गतिविधियां जारी रहने की प्रबल संभावना है। राज्य में 2 अगस्त से वर्षा सामान्य रहने की संभावना है। पिछले 24 घंटे में सवाईमाधोपुर, बारां और टोंक के कई स्थानों पर 150 मिलीमीटर से भी ज्यादा वर्षा दर्ज की गई है।
बीसलपुर, कोटा बैराज ओवरफ्लो, चम्बल ने कई जिलों में खतरे के निशान को पार किया, निचले इलाकों में जल भराव की स्थिति—
टोंक के बीसलपुर बांध के 3 गेट खोले गये हैं। प्रत्येक गेट 1 मीटर तक खोला गया है तथा 18030 क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है। धौलपुर में चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान 130.79 मीटर से 9.36 मीटर ऊपर 140.15 मीटर दर्ज किया गया है।
करौली के मंडरायल तहसील में चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान 165.0 मीटर से 2.25 मीटर ऊपर 167.25 मीटर दर्ज किया गया है।
सवाई माधोपुर में के चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान 192.0 मीटर से 5.12 मीटर ऊपर 197.12 मीटर दर्ज किया गया है।
कोटा में पार्वती नदी का जल स्तर खतरे के निशान 2020 मीटर से 3.35 मीटर ऊपर 205.35 मीटर दर्ज किया गया है।
कोटा में कोटा बैराज के गेट नं. 8 व 9 को 16 फीट तक खोला गया है जिससे 19236 क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है।
कोटा जिले में एनडीआरएफ की 1 टीम, एसडीआरएफ की 3 टीम एवं नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया जा चुका है।
धौलपुर जिले में एनडीआरएफ की 1 , एसडीआरएफ की 4 टीम एवं नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया जा चुका है।
करौली में एसडीआरएफ की 2 टीम एवं नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया जा चुका है।
जिला सवाई माधोपुर में एसडीआरएफ की 2 टीम एवं नागरिक सुरक्षा की 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया जा चुका है।
टोंक में एसडीआरएफ की 3 टीम एवं नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया जा चुका है। वर्तमान में मानसून की स्थिति को देखते हुए कमाण्डेंट एनडीआरएफ, वडोदरा से 2 टीमों की अतिरिक्त मांग की गयी है जिसे एनडीआरएफ मुख्यालय किशनगढ़, जिला अजमेर एवं जिला मुख्यालय, कोटा में तैनात किया गया है।
आपदा प्रबंधन और राहत विभाग ने अतिवृष्टिजनित हादसों की पूर्व रोकथाम हेतु दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान कर सूचना बोर्ड लगाने और स्थानीय नागरिकों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।
आम जन बाढ़ बचाव व राहत हेतु राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम टोल फ्री नम्बर 1070 एवं जिला स्तरीय कंट्रोल रूम टोल फ्री नम्बर 1077 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
राज्य सरकार ने अपील की है कि निचले इलाकों एवं जल भराव संभावित स्थानों से सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। अंडरपासों में यदि जल भराव है तो अनदेखा न करें। वर्षा के समय जल भराव क्षेत्र में लगे बिजली के खंभों से दूरी बनाकर रखें। नदी नालों पर बनें पुलों पर पानी के तेज प्रवाह होने पर वाहन चालक विशेष सावधानी बरतें। सभी अधिकारी/कार्मिक अपने मुख्यालय पर रहे और जिला और ब्लॉक स्तर से नियमित फीडबैक प्राप्त करें।।
सभी जिलों के बाढ़ नियंत्रण कक्ष में स्थापित टोल फ्री नम्बर 1077 चालू रखने एवं कन्ट्रोल रूम के नम्बर सभी समाचार पत्रों में प्रकाशित करने हेतु निर्देशित किया गया है। टोल फ्री नम्बर को पंचायत घर, डिसपेन्सरी, पटवार घर, आंगनबाडी केन्द्रों आदि की दिवारों पर चस्पा करने एवं कन्ट्रोल रूम पर आने वाली समस्याओं का शीघ्र एवं उचित रूप से समाधान करने हेतु कन्ट्रोल रूम पर प्रशिक्षित एवं सतर्क स्टाफ को लगाया गया है।
वर्षाकाल में कई तरह की मौसमी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है। अतः चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं एवं मेडिकल स्टॉफ को सतर्क रखने हेतु निर्देशित किया गया।