पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा अपने दो दिवसीय उदयपुर रेंज प्रवास के दौरान मंगलवार को सुबह पुलिस जवानों की समस्याएं सुनने के बाद डूंगरपुर जिले के देवल गांव स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज पहुंचे और यहां आयोजित जनसहभागिता शिविर में सीएलजी (कम्युनिटी लायजन ग्रुप) सदस्यों व आमजन से संवाद किया। इस दौरान लोगों ने खुलकर अपनी समस्याएं व सुझाव रखे।
जनसंवाद में सेवानिवृत्त एएसआई महेन्द्रसिंह, चैंबर ऑफ कॉमर्स सदस्य प्रभुलाल पटेल, समाजसेवी सुरेश फलोजिया, अचला वसीटा, लक्ष्मण कोटेड, कुसुमलता, ममता जैन, रेखा, पूजा, केवलराम, जयदीप भट्ट सहित ग्रामीणों व सीएलजी सदस्यों ने कानून-व्यवस्था, जन सुरक्षा, सड़क दुर्घटनाओं में कमी, पुलिस कार्मिकों के आरजीएचएस कार्ड का गुजरात में लाभ न मिलना, युवाओं में ड्रग्स व जुए की लत, विद्यालय समय में पुलिस गश्त की आवश्यकता, साइबर क्राइम रोकथाम, रेलवे में महिला स्टाफ की नियुक्ति, हथियार लहराते बाइकर्स और नाबालिग वाहन चालकों पर रोक जैसे मुद्दे उठाए। इसके अतिरिक्त देवल गांव व पुरानी जेल में नया थाना खोलने, बनकोड़ा में स्थायी पुलिस चौकी स्थापित करने, ग्रामीण क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाने, पावर बाइक राइडर्स व गोवंश तस्करी पर अंकुश लगाने की मांग की गई। लोगों ने नशा मुक्ति के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने और राजीविका महिला कर्मियों को रिकवरी के दौरान पुलिस सुरक्षा देने की भी मांग रखी। जनसंवाद के दौरान कई वक्ताओं ने “ऑपरेशन संस्कार” और पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली की प्रशंसा भी की।
डीजीपी राजीव कुमार शर्मा ने कहा कि जन सहभागिता शिविर जैसे आयोजनों में धरातल से मिला फीडबैक पुलिस के कामकाज में सुधार का आधार बनेगा। प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री गंभीर हैं। इसी उद्देश्य से जयपुर में चलाया जा रहा अभियान “सशक्त नारी, जिम्मेदारी हमारी” अब डूंगरपुर में भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पुलिस युवाओं और महिलाओं की सच्ची मददगार बनेगी। इसके लिए डूंगरपुर में कई नए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
डीजीपी ने कहा कि डूंगरपुर में कालिका यूनिट का तीन माह का विशेष कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। इसके तहत 1 सितंबर से कालिका यूनिट सदस्य और बीट कांस्टेबल प्रतिदिन कम से कम एक स्कूल का दौरा करेंगे और विद्यार्थियों को महिला सुरक्षा कानून, राजकॉप सिटीजन एप और साइबर क्राइम रोकथाम जैसे विषयों पर जानकारी देते हुए जागरूक करेंगे। डीजीपी ने कहा कि राजीविका की महिलाएं भी इसी तर्ज पर ग्रामीण महिलाओं तक पहुंचकर इस जनजागरूकता कार्यक्रम में सहयोग देंगी।
डीजीपी शर्मा ने कहा कि डूंगरपुर से एक नया “युवा सीएलजी कार्यक्रम” शुरू किया जाएगा। इसके तहत 18 से 25 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को पुलिस से जोड़ा जाएगा। हर थाने से 10 युवक-युवतियों का चयन कर उन्हें पुलिस की गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। यह समूह युवाओं से सीधा संपर्क कर सकारात्मक परिवर्तन का कार्य करेगा और कैरियर गाइडेंस भी करेगा।
डीजीपी ने कहा कि पुलिस न सिर्फ सुरक्षा बल्कि समाज निर्माण में भी अपनी भागीदारी निभाएगी। इसके तहत बच्चों के लिए लाइब्रेरी और खेलकूद की सुविधाएं विकसित की जाएंगी ताकि पढ़ाई और खेल दोनों के लिए बेहतर माहौल तैयार हो। उन्होंने स्टूडेंट पुलिस कैडेट के माध्यम से भी विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की भावना पैदा करने की बात कही। इस अवसर पर उदयपुर रेंज आईजी गौरव श्रीवास्तव, पुलिस मुख्यालय डीआईजी कुंवर राष्ट्रदीप और डूंगरपुर एसपी मनीष कुमार सहित पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।