अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत द्वारा आरजीएचएस में राज्य कर्मियों को ईलाज एवं दवाईयां नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों को हो रही परेशानियों के बारे में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव तथा प्रमुख शासन सचिव वित्त को अनेक बार ज्ञापन दिए जा चुके हैं परन्तु हालात में सुधार की अपेक्षा वर्तमान में तो स्थिति इतनी बदहाल हो गई है कि अधिकांश अनुमोदित अस्पतालों ने आरजीएचएस के अन्तर्गत ईलाज करना ही बंद कर दिया है अथवा एक दो रोगियों का ईलाज कर खाना पूर्ति कर रहे हैं। कर्मचारियों, उनके परिजनों एवं पेंशनर्स को हो रही भारी परेशानियों एवं उनमें उत्पन्न आक्रोश को देखते हुए दिनांक 03 सितम्बर 2025 को मध्याह्न 12.30 बजे से 01.30 बजे तक एक घंटे का कार्य बहिष्कार कर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का निर्णय लिया है।
महासंघ द्वारा सभी स्तरों पर कर्मचारियों की ज्वलंत समस्याओं यथा कार्मिकों को संविदा पर नियोजित किए जाने के संदर्भ में कार्मिक विभाग के अधीन राजकीय संस्था के गठन का मंत्रीमण्डल से अनुमोदन सहित बजट घोषणा 2025 की क्रियान्विति, मंत्रालयिक कार्मिक, जेल प्रहरी, स्कूल व्याख्याता एवं प्रबोधकों आदि कैडरों का पुर्नगठन, मंत्रालयिक कर्मचारियों को दूसरी पदोन्नति पर 4200 ग्रेड पे दी जावे आदि पर भी सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा वेतन से आरजीएचएस की कटौति प्रतिमाह अनिवार्य रूप से वेतन से कर ली जाती है। यहाँ तक कि परिवीक्षाकाल में फिक्स पे में से नी इसकी कटौतियां की जा रही हैं लेकिन ईलाज और दवाओं के लिए उन्हें इस प्रकार भटकना पड़ता है जैसे सरकार या अस्पताल यह सब उन्हें निःशुल्क उपलब्ध करवा रहे हों। कर्मचारी महासंघ द्वारा अनेक बार ज्ञापन देकर अनेक बार ध्यान आकर्षित किया जा चुका है लेकिन कभी ईलाज को लेकर तो कभी दवा को लेकर राज्य कर्मियों को गत वर्षों में निरंतर परेशानियाँ उठानी पड़ रही है और अनेक बार तो पैसे खर्च कर ईलाज करवाना पड़ रहा है और दवाईयां खरीदनी पड़ रही हैं।
राठौड़ ने आगे बताया कि गंभीर रूप से रोगग्रस्त राज्यकर्मियों या उनके परिजनों को 5 दिन से अधिक भर्ती रहने की आवश्यकता होने पर भी अस्पताल द्वारा आरजीएचएस के नियमों का हवाला देते हुए डिस्चार्ज कर दिया जात है और अनेक अनुनय विनय के पश्चात् दिनांक पुनः भर्ती करने की रिक्वेस्ट भेजी जाती है तो पुनः अनुमत्ति इतने विलम्ब से आती है कि उस अवधि में आर्थिक रूप से कमजोर रोगी तड़पते रहते हैं या नकद ईलाज करवाना पड़ता है। प्रत्येक ईलाज को पैकेज में बांध दिया गया है। ओपीडी समय के अलावा आपातकाल में ईलाज करवाना या भर्ती होने पर भी कैश लेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है तथा नकद भुगतान करना पड़ता है और ऐसी आपातकालीन स्थिति में यदि कार्मिक आरजीएचएस को इसकी सूचना किसी कारण से नहीं दे पाये तो फिर उसे पुनः भुगतान नहीं मिलता है। दिनांक 28 अगस्त 2025 को एकीकृत महासंघ के भूतपूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्व० श्री लल्लूसिंह जी राजावत की 24वीं पुण्यतिथि पर आयोजित आपात बैठक में कर्मचारी समस्याओं को संकल्पपूर्वक समाधान करवाने की शपथ ली गई थी। उसी के अनुरूप निर्णय किया गया और दिनांक 28 अगस्त 2025 को मुख्य सचिव सुधांशु पंत को भी अवगत करवा दिया गया और लिखित चेतावनी दे दी गई थी कि आरजीएचएस में सभी अनुमोदित अस्पतालों में ईलाज और अधिकृत दुकानों से दवाईयां मिलना आरंभ नहीं हुआ तो राज्यकर्मी दिनांक 03 सितम्बर 2025 को मध्यांह में 12. 30 बजे से लेकर 01.30 बजे तक सांकेतिक कार्य बहिष्कार रखेंगे ।
सभी राज्य कर्मियों से आह्वान किया गया है कि इसे सफल बनाएं। इसके बावजूद भी यदि सरकार ध्यान नहीं देती है तो फिर सनी कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर एक राज्य व्यापी आन्दोलन प्रारम्भ किया जाऐगा और आवश्यकता पड़ने पर विधानसभा पर भी विरोध प्रदर्शन किया जावेगा। कर्मचारी कल्याण की बजट घोषणाओं पर भी क्रियान्विति नहीं होने से संविदाकर्मियों का निरन्तर शोषण हो रहा है तथा सभी संवगों में आक्रोश है। महासंघ सरकार से इन मुद्दों पर वार्ता किये जाने की भी मांग करता है अन्यथा इसके लिए भी महासंघ को आन्दोलन आरम्भ करना पड़ेगा।