प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र भारत सरकार देश के किसानों व पशुपालकों की आय बढाने की दिशा में सतत् प्रयत्नशील है। इसी कड़ी में राजस्थान में डबल इंजन सरकार भी सभी वर्गों खासकर पशुपालकों के हित में नवाचार कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है। इस दिशा में जयपुर जिले के बस्सी में प्रदेश की पहली सैक्स सोर्टेड सीमन लैब के रूप में एक नया अध्याय जुड़ गया है।
यह बात पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने आरसीडीएफ सभागार में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, आणंद के सहयोग से आरसीडीएफ के बस्सी स्थित फ्रोजन सीमेन बैंक में स्थापित सेक्स सॉर्टेड सीमेन लैब के उदघाटन अवसर पर कही। कुमावत ने बटन दबाकर इस लैब का वर्चुअली उद्घाटन किया।
कुमावत ने कहा कि देश के विकास में गुजरातियों का अहम योगदान है, अमूल डेयरी ने देश के पशुपालकों को समृद्धि के नए अवसर प्रदान किए। हम सौभाग्यशाली हैं हमें प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री के रूप में अमित शाह जैसे सेवाभावी गुजराती मिले हैं। सौभाग्य से एनडीडीबी के चैयरमैन डॉ. मीनेश शाह भी गुजराती हैं, ऐसी स्थिति में हम प्रदेश के पशुपालकों के हित में इनके जरिए और भी कल्याणकारी योजनाएं लाएंगे।
एनडीडीबी अध्यक्ष श्री मीनेश शाह ने कहा कि आरसीडीएफ का हमेशा से सहयोग मिलता रहा है, जिसका परिणाम है कि राजस्थान में एक अत्याधुनिक सेक्स-सॉर्टेड सीमेन उत्पादन इकाई का शुभारंभ हुआ है। यह इकाई पशुपालन की गुणवत्ता बढ़ाने, नस्ल सुधारने और दूध उत्पादन में गुणात्मक वृद्धि लाने में अहम भूमिका निभाएगी। इस इकाई में प्रतिवर्ष 10 लाख डोज़ सीमेन का उत्पादन किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य के पशुपालकों को उच्च गुणवत्ता का सीमेन समय पर और उचित मूल्य पर मिले। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा पशु भारत में हैं। ये पशु मीथेन गैस उत्सर्जित करते हैं, इस उत्सर्जन को कम करने के लिए एनडीडीबी निरंतर कार्य कर रहा है। इसी दिशा में नवाचार करते हुए गोबर फर्टिलाइजर से फ्यूल बनाकर गोबर की वैल्यूएशन बढ़ाने में सफलता हासिल की है जिससे पशुपालकों की आय में वृद्धि हुई है।
कार्यक्रम के दौरान राजस्थान सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड , राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड और एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज ने बस्सी सीमेन स्टेशन प्रबंधन और संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य राजस्थान में पशु कृत्रिम गर्भाधान के लिए पारंपरिक और सेक्स-सॉर्टेड सीमेन डोज का उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाना है। आरसीडीएफ ने बस्सी सीमेन स्टेशन का प्रबंधन 10 वर्षों के लिए एनडीएस को सौंपा है, जिसे आपसी सहमति से बढ़ाया जा सकता है। इसके तहत एनडीएस प्रति वर्ष लगभग 10 लाख सेक्स-सॉर्टेड सीमेन डोज का उत्पादन करेगा और आरएलडीबी व आरसीडीएफ की मांग को प्राथमिकता देगा। स्टेशन से प्राप्त लाभ को आरसीडीएफ और एनडीएस के बीच 50-50 प्रतिशत के अनुपात में साझा किया जाएगा। सीमेन डोज के मूल्य निर्धारण में सेक्स-सॉर्टेड सीमेन के लिए ₹239 प्रति डोज, स्वदेशी पारंपरिक सीमेन के लिए ₹22 तथा आयातित नस्ल के सीमेन के लिए ₹30 प्रति डोज निर्धारित किया गया है। अतिरिक्त डोज को अन्य एजेंसियों को बाजार मूल्य पर बेचा जा सकेगा।
स्टेशन के समुचित संचालन और निगरानी के लिए आरसीडीएफ के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में एक प्रबंधन समिति गठित की जाएगी, जिसमें एनडीडीबी, एनडीएस एवं आरएलडीबी के प्रतिनिधि शामिल होंगे। सीमेन की ब्रांडिंग राजस्थान तथा अन्य राज्यों में सरस ब्रांड के अंतर्गत की जाएगी। यह पहल राज्य में उन्नत एवं वैज्ञानिक पशुपालन को बढ़ावा देने, दूध उत्पादन में वृद्धि लाने और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में एक सशक्त कदम है। इससे राजस्थान के ग्रामीण अर्थतंत्र को मजबूती मिलेगी और पशुधन विकास को नई दिशा प्राप्त होगी।
पशुपालन एवं गोपालन शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने कहा कि आज का दिन राजस्थान के लिए ऐतिहासिक दिन है। हम सब मिलकर एक ऐसा अध्याय शुरू कर रहे हैं, जो न केवल दुग्ध उत्पादन को बढ़ाएगा, बल्कि पशुधन प्रबंधन की गुणवत्ता को भी एक नई ऊँचाई तक ले जाएगा जिससे भारत फिर से सोने की चिड़िया बन सकेगा।
आरसीडीएफ की प्रशासक एवं प्रबंध संचालक श्रुति भारद्वाज ने कहा कि आरसीडीएफ के लिए आज का दिन अत्यंत गौरव का दिन है। हमने केवल एक तकनीकी इकाई शुरू नहीं की है, बल्कि एक नई सोच और नई दिशा की शुरुआत की है। बस्सी सीमेन स्टेशन अब केवल सीमेन उत्पादन का केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि यह प्रशिक्षण, जागरूकता और पशुपालकों के लिए एक समर्पित संसाधन केंद्र के रूप में विकसित होगा। उन्होंने कहा कि श्वेत क्रांति 2.0 में लगातार नवाचार किया जा रहे हैं। केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने पीडीसीए 2.0 लॉन्च किया था जिससे दूर-दराज पशुपालकों को हमसे जुड़ने का ऑनलाइन मौका मिला हैं। उन्होंने कहा कि इस एमओयू से 90 प्रतिशत बछड़ियों का जन्म सुनिश्चित होगा, जिससे राज्य की दुग्ध उत्पादन में क्रांति आएगी। उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में गोवर्धन योजना का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से किया जा रहा है जिसमें किसानों से गोबर खरीद कर बायोगैस एवं फर्टिलाइजर बनाया जाएगा, जिसका उपयोग पेट्रोल पंप के माध्यम से फ्यूल में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बस्सी सीमेन स्टेशन के शुभारंभ से वह दिन दूर नही जब राज्य में दूध की नदियां बहेंगी।