सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग, राजस्थान के सहयोग से चलाए जा रहे सुरक्षित सड़क मार्ग (सुसमा) अभियान के अंतर्गत अब तक विभिन्न सरकारी एवं निजी स्कूलों तथा कॉलेजों के लगभग 2 लाख 51 हजार से अधिक युवाओं को सड़क सुरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। बुधवार को महारानी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से ‘सबसे बड़ा युवा नेतृत्वित सड़क सुरक्षा अभियान एवं सुरक्षित सड़क कॉरिडोर विकास’ शीर्षक से स्थापित रिकॉर्ड की घोषणा की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने अभियान की सराहना करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता के लिए विभाग द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान जीवन का हिस्सा बनना चाहिए, ताकि समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। उन्होंने कहा कि हेलमेट लगाना, सीट बेल्ट पहनना, लाल बत्ती पर रुकना और वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात न करना जैसे सड़क सुरक्षा नियमों को अपनाना आवश्यक है। तभी समाज में वास्तविक परिवर्तन आएगा। उन्होंने मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियंत्रण) जसवंत खत्री, विभाग की टीम एवं अन्य सहयोगियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश समाप्त होते ही लगभग 1500 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों के स्थायी पुनर्निर्माण (Permanent Restoration) के कार्य कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नई सड़कें बनाने के साथ-साथ मौजूदा सड़कों को दुरुस्त रखना सरकार की प्राथमिकता है और इन कार्यों को शीघ्र पूरा कराया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को सक्रिय नागरिक की तरह ध्यान रखना चाहिए कि उनके क्षेत्र में बनने वाली सड़कें निर्धारित मानकों के अनुरूप हों और उनमें प्रयुक्त सामग्री सही गुणवत्ता की हो। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीडब्ल्यूडी सेवा ऐप को आमजन की शिकायतों के लिए शीघ्र सार्वजनिक किया जाए। साथ ही अधिकारियों को सप्ताह में अनिवार्य रूप से दो दिन फील्ड में रहकर सड़कों की जांच करने के निर्देश भी दिए।
मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियंत्रण) जसवंत खत्री के निर्देशन में 9 अगस्त से 15 सितंबर तक चलाए जा रहे इस अभियान के तहत प्रदेश के राजकीय व निजी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के नियम, सावधानियां और निर्धारित मानकों के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस अभियान की कमान विभाग की 60 महिला अभियंताओं ने संभाल रखी है।
इस अभियान का उद्देश्य युवाओं में सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूकता लाना, हेलमेट के उपयोग को बढ़ावा देना और सुरक्षित सड़क निर्माण के मानकों की जानकारी देना है। अभियान के तहत छात्र-छात्राओं को रियायती दर पर मात्र 300 रुपये में हेलमेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जबकि इनकी बाजार कीमत 1200 से 1500 रुपये तक होती है। अब तक लगभग 6444 छात्र-छात्राओं को रियायती दर पर हेलमेट वितरित किए जा चुके हैं।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को हेलमेट भी वितरित किए। इस अवसर पर राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति अल्पना कटेजा, शासन सचिव डी. आर. मेघवाल, मुख्य अभियंता टी. सी. गुप्ता सहित विभाग के अन्य अधिकारी, एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस रोवर्स, महारानी, कनौडिया एवं खेतान पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्राएं सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।