राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर जिला द्वारा गुरुवार को समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा एवं बालिका शिक्षा की उपेक्षा जैसे विषयों पर लोगों में विधिक जागरूकता फैलाने हेतु “लापता नहीं पहचान बनाती लेडीज- विधिक जागरूकता के लिए प्रेरणादायक फिल्म प्रदर्शन जागरूकता अभियान” का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम के दौरान हरिओम शर्मा अत्री सदस्य सचिव राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर द्वारा बताया गया कि समाज में बाल-विवाह, दहेज प्रथा एवं बालिका शिक्षा की उपेक्षा जैसी कुरीतियाँ आज भी विद्यमान है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर जिला द्वारा स्कूली बच्चों व आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान “लापता नहीं पहचान बनाती लेडीज- विधिक जागरूकता के लिए प्रेरणादायक फिल्म प्रदर्शन जागरूकता अभियान” की शुरुआत की जा रही है।
पवन कुमार जीनवाल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर जिला ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर जिला यह निर्णय लिया गया है कि समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा एवं बालिका शिक्षा की उपेक्षा जैसे विषयों पर स्कूली विद्यार्थियों तथा आमजन को जागरूक करने हेतु दृश्यात्मक माध्यम के रूप में एक सशक्त और प्रभावशाली फिल्म “लापता लेडिज” की विशेष स्क्रीनिंग करवाये जाने का निर्णय लिया गया है कथा, विशेष रूप से युवा वर्ग में, सामाजिक मुद्दों को समझाने एवं स्मरणीय बनाने का अत्यंत प्रभावी तरीका है। साथ ही फिल्में गहरे स्तर पर भावनात्मक जुड़ाव बनाकर सकारात्मक परिवर्तन को उत्प्रेरित कर सकती है।
“लापता लेडिज” की विशेष स्क्रीनिंग हेतु सर्वप्रथम ऐसे स्कूलों व महाविद्यालयों का चयन किया जाएगा जहां प्रोजेक्टर पर उक्त फिल्म दिखाए जाने की व्यवस्था हो सके। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी के समन्वय स्थापित करते हुए चयनित स्कूलों व महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को शाला समय के बाद फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित करवाई जाएगी। इसके साथ ही पंचायत समिति स्तर पर “लापता लेडिज” की विशेष स्क्रीनिंग के लिए ऐसे पंचायत भवनों और आंगनबाड़ी केन्द्रों का भी चयन किया जाएगा जहां पर प्रोजेक्टर के माध्यम से उक्त फिल्म दिखाए जाने की व्यवस्था हो सके। इसके लिए तालुकाओं तथा पंचायत समिति स्तर के स्थानीय प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए एक गांव एक स्क्रीन के तहत उक्त फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित करवाई जाएगी। स्क्रीनिंग के बाद पीएलवी व पैनल अधिवक्तागण के द्वारा संवाद सत्र का आयोजन किया जाएगा जिसमें विद्यार्थियों/ग्राम जन से विधिक जानकारी, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, दहेज निषेध अधिनियम एवं शिक्षा के अधिकार से संबंधित चर्चा होगी। साथ ही उक्त फिल्म से उन्हें क्या शिक्षा मिली इस पर भी चर्चा की जाएगी। फिल्म एवं चर्चा सत्र के दौरान विधिक सहायता सेवा, हेल्पलाइन नम्बर एवं जागरूकता पुस्तिका वितरित की जाएगी।