सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि राजस्थान निवेश के लिए देश का सबसे अनुकूल राज्य है। प्रदेश सरकार अपने पहले ही वर्ष में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन करने जा रही है। राज्य सरकार का संकल्प है कि कंपनियों के साथ सिर्फ एमओयू नहीं किए जाएंगे, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारकर राज्य का विकास सुनिश्चित किया जाएगा।
कर्नल राठौड़ मंगलवार को 'राइजिंग राजस्थान' ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के संदर्भ में जयपुर स्थित होटल आईटीसी राजपूताना में 'आईटी और स्टार्टअप प्री-समिट' में बतौर मुख्य अतिथि अपना संबोधन दे रहे थे। सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और भारतीय उद्योग परिसंघ के तत्वावधान में आयोजित हुए इस प्री-समिट में तकनीक एवं नवाचार के क्षेत्र में 43 कंपनियों के साथ 6052 करोड़ के निवेश करारों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही डिजिटल राजस्थान यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया गया तथा और 145 स्टार्टअप को दिए जाने वाले 5.65 करोड़ रुपए की फंडिंग के चेक की प्रतिकृति का अनावरण भी किया गया।
मुख्य सत्र को संबोधित करते हुए कर्नल राठौड़ ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है और इसमें निवेश की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस साल में भारत की छवि काफी बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान के संबंध में जिस भी देश की यात्रा की है, वहां से उन्हें काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने निवेशकों से राजस्थान के आईटी एवं नवाचार के क्षेत्र में निवेश करने की अपील करते हुए कहा कि राजस्थान ऐसा राज्य है, जो देश में रेलवे के मामले में दूसरे स्थान पर, सड़क नेटवर्क के मामले में तीसरे स्थान पर है और यहां वर्ष में 320 दिन खुला मौसम रहता है। साथ ही, रिन्यूएबल एनर्जी और पर्यटन के मामले में भी राज्य पहले स्थान पर है। इसी वजह से राजस्थान निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है।
सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग की शासन सचिव अर्चना सिंह ने प्री-समिट की भूमिका बताते हुए कहा कि विभाग राजस्थान के 'डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन' में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने विभाग के आईस्टार्ट, आरकेट एवं अटल इनोवेशन स्टूडियो जैसे नवाचारों की जानकारी देते हुए बताया कि विभाग नागरिक सेवाओं के संदर्भ में डेटा प्राइवेसी और सिक्योरिटी को सुनिश्चित करने के मामले में भी अग्रणी है। उन्होंने निवेशकों को सूचना प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
पहले सत्र में 'बिल्डिंग राजस्थान एज एन आईटी एंड इनोवेशन हब' विषय पर तकनीकी विशेषज्ञों ने विचार—विमर्श किया। डाटा इंजिनियर्स ग्लोबल लिमिटेड के सीईओ श्री अजय डाटा ने सत्र का संचालन करते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बहुत तेजी से विकसित हो रही है। बीआईएसआर के ईडी प्रोफेसर पूर्णेंदु घोष ने कहा कि भारतीय विद्यार्थी प्रतिभा के धनी हैं। उन्हें उचित प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है। थ्रिलोफिलिया की सह-संस्थापक सुश्री चित्रा गुरनानी डागा ने भी स्टार्टअप की सफलता के लिए इकोसिस्टम और टेलेंट पूल को आवश्यक माना। मेटाक्यूब सॉफ्टवेयर के सह-संस्थापक श्री पारिजात अग्रवाल ने कहा कि तकनीकी जिस तरह स्वरूप ले रही है, उसे देखते हुए पारदर्शिता और विनियमन का महत्व बढ़ गया है। सेंटर फॉर एंटरटेनमेंट आर्ट्स के सह-संस्थापक श्री दिवाकर गांधी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ एथिक्स को जोड़ने का सुझाव दिया। मुख्य सत्र में गिरनार सॉफ्टवेयर (कारदेखो) के सह-संस्थापक अनुराग जैन, प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी और एनवीडिया के निदेशक, दक्षिण एशिया गणेश महाबला ने भी उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया।
मुख्य सत्र में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की उपस्थिति में तकनीकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 43 कंपनियों के साथ 6052.09 करोड़ रुपए के निवेश करारों (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर उन्हें हस्तांतरित किया गया। राजस्थान में स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए वित्तीय, शैक्षणिक संस्थाओं और कॉर्पोरेट भागीदारों के साथ इन एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इन एमओयू से राजस्थान में तकनीक और नवाचार के क्षेत्र को नई ऊंचाई मिलेगी।
इस अवसर पर सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने डिजिटल राजस्थान यात्रा की वेबसाइट को लॉन्च किया और डिजिटल राजस्थान यात्रा 2024 को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और आईस्टार्ट के सहयोग से इंक42 की पहल है, जिसका उद्देश्य राजस्थान में आमजन और और स्थानीय व्यवसायों के जीवन पर इंटरनेट और प्रौद्योगिकी के असर को उजागर कर डिजिटल राजस्थान की छवि को प्रस्तुत करना है। यह यात्रा जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर और भरतपुर से होकर गुजरेगी।
प्री-समिट के दौरान 145 स्टार्टअप को दिए जाने वाले 5.65 करोड़ रुपए की फंडिंग के चेक की प्रतिकृति का अनावरण भी किया गया। आईस्टार्ट कार्यक्रम के तहत प्री-सीड, सीड और ग्रोथ स्टेज सहित सभी चरणों में स्टार्टअप को यह फंडिंग रिलीज की गई है। इस फंडिंग का उद्देश्य नवाचार को प्रोत्साहन, विकास में तेजी लाना और उद्यमशीलता व तकनीकी विकास को बढ़ावा देना है।