शिक्षक संघ एलिमेंट्री सेकेंडरी टीचर एसोसिएशन (रेसटा) ,राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष मोहर सिंह सलावद ने राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ज्ञापन भेजकर राज्य में कार्यरत लाखों शिक्षको की 11 जायज मांगो के जल्द निस्तारण की मांग की है। सलावद ने ज्ञापन में शिक्षा विभाग में तबादलों हेतु स्थाई तबादला नीति बनाई जाएं जिसमें विधायकों/जन प्रतिनिधियों की डिजायर प्रथा को बंद करें एवं तीन सत्रों की वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पद पदोन्नति नहीं हुई है इसलिए तीन सत्रों की बकाया पदोन्नति सहित अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक की बकाया सभी सत्रों पदोन्नति अतिशीघ्र करवाई जाएं।
राज्य के सभी समग्र शिक्षा के जिला कार्यालयों व मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों के 1382 पदों के लिए हुए साक्षात्कार का परिणाम एक वर्ष होने के बाद भी जारी नहीं हुआ है इनका परिणाम जल्द जारी करवाया जाएं एवं शिक्षा मंत्री की घोषणा के अनुसार राज्य में जिला शिक्षा अधिकारियों के 50 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती करवाई जाएं।
कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा अध्यापक लेवल टू के संशोधित परिणाम जारी किए जा रहे है। संघ की मांग है कि संशोधित परिणाम में चयनित शिक्षकों को यथावत रखते हुए छाया पद स्वीकृत करके नव चयनितों को नियुक्ति दी जाएं साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत कंप्यूटर अनुदेशकों का पदनाम कंप्यूटर शिक्षक करने व केडर की पुनः समीक्षा करवाकर केडर संशोधन व विस्तार हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जाएं। राज्य के सभी उच्च माध्यमिक स्कूलों में अनिवार्य विषयों हिन्दी व अंग्रेजी व्याख्याता के पद स्वीकृत किए जाएं साथ ही राज्य के सभी नव क्रमोन्नत उच्च माध्यमिक स्कूलों में व्याख्याताओ के पद स्वीकृत किए जाएं।
बरसात के दिनों में राजकीय विद्यालयों के भवनों की स्थिति जांचने के लिए करवाएं गए सर्वे में जिन विद्यालयों के कक्षों को क्षतिग्रस्त माना है और जिन्हें जमीदोज करवाया गया है। वहां पर अतिरिक्त कक्ष निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जाएं। साथ ही विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण की वैकल्पिक व्यवस्था के तहत क्षेत्रीय जनसेवकों को "एक कक्ष जनसेवक के नाम" अभियान चलाया जाएं और ऐसा करने के लिए जनसेवकों को प्रोत्साहित किया जाएं, जिससे कि शिक्षा विभागीय व्यवस्था बेहतरीन ढंग से इसी सत्र में चल पाएं। साथ ही 30 वर्षों से अधिक समय के भवनों की वर्तमान स्थिति का प्राथमिकता से परिक्षण करवाते हुए जर्जर हो चुके भवनों को तो जमींदोज करवाया जाएं।
पिछले पांच वर्षों में राजकीय विद्यालयों में बनें भवनों का निरीक्षण करवाया जाएं, उन भवनों की वर्तमान स्थिति को परखते हुए कोई कमी पाई गई है, तो उन्हें त्वरित कार्रवाई करते हुए निर्माण कंपनी/एजेंसी का लाइसेंस रद्द किया जाएं। विभाग के अभियंताओं की जवाबदेहिता तय की जाएं और नियमानुसार विभागीय कार्यवाही भी की जाएं। सम्पूर्ण भवन की पुनः मरम्मत करवाई जाएं। राजकीय विद्यालयों में होने वाले प्रत्येक निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की गहनता से जांच पड़ताल करवाई जाएं कि मांग की है।