राजस्थान में पिछले एक दशक की बात की जाए तो राजस्थान के करीब 30 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार पेपर लीक के दंश से बेहाल रहे हैं, वहीं पिछले 5 सालों में करीब डेढ़ दर्जन पेपर लीक होने से तो युवाओं का भर्ती परीक्षाओं से ही भरोसा उठ गया है, लेकिन अब भजनलाल सरकार ने पेपर लीक माफिया को जड़ के खत्म करने की ठानी तो पेपर लीक माफिया के होश उड़ गए, पिछले एक दशक में इन पेपर लीक माफिया ने अपना जाल इतना फैला लिया की हर राजनीतिक दिग्गज हो या अधिकारी कोई इनसे बच नहीं पाया.... एक रिपोर्ट
छम्मी बिश्नोई को एसओजी ने गिरफ्तार किया है, जिसके बाद कई बड़े खुलासे होते हुए नजर आ रहे हैं, जांच में पता चला है की छम्मी बिश्नोई पढ़ने में शुरू से ही काफी होशियार थी, इसी के चलते जिले में पहला गार्गी पुरस्कार भी छम्मी बिश्नोई को ही मिला, शिक्षक भर्ती निकली तो सफलता प्राप्त करते हुए शिक्षिका बन गई,
इसके बाद पैसों का ऐसा लालच मुंह लगा की वो दलदल में फंसती ही गई, छम्मी बिश्नोई नकल गिरोह गैंग के संपर्क में आ गई, छम्मी डमी कैंडिडेट के रूप में एग्जाम में बैठती थी, शुरुआत में छम्मी 5 लाख से लेकर 7 लाख रुपए तक लेती थी, बाद में नकल गिरोह से डिमांड बढ़ने लगी तो वह 10 लाख से भी ज्यादा लेने लग गई थी, पिछली कुछ भर्तियों में उसने 20 लाख रुपए तक लिए थे, नकल के रुपए से डूंगरी गांव में प्लॉट लेकर चार मंजिला लग्जरी मकान भी बनाया था, चार मंजिला मकान किराए पर दे रखा है, जिसमें ज्यादातर सरकारी टीचर ही रहते हैं
पेपर लीक मामले का खुलासा होने के बाद छम्मी बिश्नोई फरार हो गई, छम्मी बिश्नोई ने अपनी फरारी वृंदावन में काटी, इसके साथ ही 6 हजार रुपये महीने का कमरा किराया लेकर रहने लगी, पुलिस की टीम जब छम्मी बिश्नोई को गिरफ्तार करने पहुंची तो वो आरती करती हुई मिली, अब छम्मी बिश्नोई की कॉल डिटेल और वाट्सएप चैट से कई मामलों का और खुलासा होने की संभावना है
एडीजी एसओजी वीके सिंह ने बताया कि नकल गिरोह ने टीएसपी ( TSP ) एरिया को भी अपना गढ़ बनाया है, बांसवाड़ा से बहुत बड़े स्तर पर पेपर लीक करवा कर लोगों को नौकरी पर लगवाया गया है, टीएसपी एरिया से नौकरी पर लगे लोगों के दस्तावेज और रिकॉर्ड चेक कराए जा रहे हैं, ओमप्रकाश ढाका का जालोर, सिरोही, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा के साथ-साथ उदयपुर में भी बड़ा नेटवर्क बना हुआ था, बांसवाड़ा में हाल ही में कार्रवाई भी की गई है
एसओजी की ओमप्रकाश ढाका की गिरफ्तारी के रूप में एक बड़ी सफलता मिली है, आपको बता दें की ओमप्रकाश ढाका होलसेलर के तौर पर काम करता था, पेपर लीक मास्टरमाइंड जगदीश बिश्नोई के साथ मिलकर पेपर लीक कराता था और नकल कराता था
ओमप्रकाश ढाका की पहले उदयपुर में सरकारी शिक्षक के तौर पर नौकरी लगी थी, पेपर लीक में उसका नाम आया तो उसे गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद वो काफी समय से सस्पेंड चल रहा था, बड़े लेवल पर पेपरलीक करवाकर सेंटर पर कैंडिडेट को दिलाता था। टीम ने बताया कि ओमप्रकाश ढाका ने कितने लोगों को नौकरी लगवा दी है, उसे खुद को नहीं पता