विशेष सत्र को लेकर सियासी गलियारो मे उठा - पठक शुरु हो गयी है, दरअसल केंद्र की मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है और ये सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा। बताया जा रहा है कि इसमें 5 बैठकें होंगी। ये 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र होगा, हालांकि इस सत्र का एजेंडा क्या है।
इसको लेकर सरकार की ओर से अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई। विशेष सत्र को लेकर विपक्ष भी जोरदार तैयारी करने में लगा है। इसको लेकर बीते दिन बैठक भी हुई और मुद्दों पर चर्चा की गई। विपक्ष लगातार सरकार से इस सत्र के एजेंडा को लेकर मांग कर रहा है। अब इसको लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी है। जिसमें स्पेशल सत्र का एजेंडा पूछा है।
सोनिया गांधी ने अपनी चिट्ठी में बताया कि विपक्ष को विशेष सत्र के एजेंडा बारे में जानकारी नहीं है। आम तौर पर विशेष सत्र से पहले बातचीत होती है और आम सहमति बनाई जाती है। इसका एजेंडा भी पहले से तय होता है और सहमति बनाने की कोशिश होती है। यह पहली बार है कि कोई बैठक बुलाई जा रही है और एजेंडा तय नहीं है, न ही सहमति बनाने का प्रयास किया गया। सोनिया ने कहा कि इस विशेष सत्र के पांचों दिन सरकारी बिजनेस के लिए एलोकेट किए गए हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। बता दे कि उन्होंने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में नौ मुद्दे भी उठाए हैं। इनमें महंगाई, MSME, बेरोजगारी, किसानों की मांग, अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग, जातीय जनगणना, केंद्र-राज्य संबंध, चीन बॉर्डर और सामाजिक सद्भाव शामिल हैं।
आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, बढ़ती बेरोजगारी, असमानताओं में वृद्धि और MSME के संकट पर ध्यान केंद्रित करने वाली वर्तमान आर्थिक स्थिति, MSP को लेकर सरकार द्वारा किसान और किसान संगठनों को किए गए वादे , अडानी समूह पर खुलासे की जांच को लिए जेपीसी जांच, मणिपुर के लोगों की पीड़ा और राज्य में संवैधानिक तंत्र और सामाजिक सद्भाव का टूटना, हरियाणा जैसे राज्यों में सांप्रदायिक तनाव, चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर कब्जा जारी रखा गया और लद्दाख-अरुणाचल प्रदेश में हमारी सीमाओं पर हमारी संप्रभुता को चुनौती दी गई, जातीय जनगणना की अर्जेंट जरूरत, केंद्र राज्य संबंधों को पहुंचाया जा रहा नुकसान, कुछ राज्यों में अत्यधिक बाढ़ और कुछ में सूखे के कारण होने वाली प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव।
सोनिया गांधी ने चिट्ठी में कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि रचनात्मक सहयोग की भावना से इन मुद्दों को आगामी विशेष सत्र में उठाया जाएगा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि I.N.D.I.A. गठबंधन ने तय किया है कि हम संसद के विशेष सत्र का बायकाट नहीं करेंगे, क्योंकि यह मौका है कि विपक्ष अपने मुद्दे उठाए।