आप जो भी बोले, सोच-समझ कर बोले, जो भी लिखे, सोच-समझ कर लिखे, नहीं तो किसी भी वक़्त आपकी नौकरी जा सकती है। फिर चाहे आप कितने ही चर्चित क्यों ना हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
ये चेहरा, जो आप देख रहे हैं ये unacademy के टीचर करण सागंवान का है। जिनका एक वीडियो,, पिछले कुछ दिनों से वायरल हो रहा है और इनका वीडियो इतना वायरल हुआ कि इनकी नौकरी ही चली गयी। इनको अपने जॉब से क्यों हाथ धोना पड़ा ये हम जानेंगे।
15 अगस्त से ठीक एक दिन पहले यानि 14 अगस्त को इनका एक वीडियो वायरल हुआ जिसके बाद इनको अपने जॉब से 3 दिन बाद हमेशा के लिए आज़ादी दे दी गई। पहले आपको ये बताते हैं कि इन्होने क्या कहा। ये वीडियो में कह रहे हैं कि "मुझे भी ऐसे ही लग रहा था, मैं रोऊँ या हंसूं ? क्योंकि मेरे पास भी बहुत सारे बेयर एक्ट, केस लोएड और नोट्स है जो हमने भी बनाये थे। हर किसी के लिए बहुत मेहनत है। आप लोगों को भी काम मिल गया है, लेकिन एक चीज़ याद रखना, अगली बार जब भी अपना वोट दो, किसी पढ़े-लिखे इंसान को वोट देना ताकि ये सब कुछ दुबारा जीवन में ना झेलना पड़े। ऐसे इंसान को ना चुनें जिन्हें सिर्फ नाम बदलना आता हो, नाम चेंज करना आता हो। ऐसे इंसान को चुने जो पढ़ा लिखा हो जो समझ सकें चीज़ों को,,,,, make your decision properly
ये वीडियो वायरल होने के बाद इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। जिसके पीछे unacademy की तरफ से कारण दिया गया एक तो इनका वायरल वीडियो और दूसरा ट्विटर सहित सोशल मीडिया पर आये कमैंट्स की वजह से।
अब ये जान लेते हैं कि करण सांगवान ने ये क्यों कहा। करण सांगवान क्रिमिनल लॉ,, क्लेअरली ब्रिटिश एरा आई पी सी,,, सी आर पी सी और इंडियन एविडेंस एक्ट में हुए बदलावों से असहमत थे और इसी बदलाव के कारण इनके द्वारा बच्चों को पढ़ाने के लिए बनाये गए नोट्स बेकार हो गए थे। कहा जा रहा है कि करण सांगवान ने वो सब इन बदलावों पर कहा था और वहीं इन्होने इस वीडियो में किसी नेता या राजनैतिक दल का नाम भी नहीं लिया था लेकिन फिर भी ज़माने में सहूलियत की राजनीति ने इसे नेताओं और पार्टी से जोड़ वीडियो के भाव बढ़ा दिए। भाव बढ़ने के बाद लोग इसे मोदी विरोधी एजेंडा से जोड़ने लगे। वीडियो को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी जोड़ दिया गया। जिसके बाद लोग करण के बारे में unacedamy से सवाल पूछने लगे कि क्या आप पढ़ाते हैं या फिर भारत की चुनी हुई सरकार के खिलाफ कोई एजेंडा चलाते हैं ?
करण सांगवान ने बताया कि उन्हें 17 अगस्त को जॉब से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि वे सही है और इस बारे में 19 अगस्त को अपने यूट्यूब चैनल पर वीडियो डालेंगे और बताएँगे कि इस पुरे विवाद के पीछे की कहानी क्या है। वहीं संस्थान ने कहा कि क्लास व्यक्तिगत विचार साझा करने की जगह नहीं है। फिलहाल, करण सांगवान को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई राजनेताओं का सपोर्ट मिल रहा है। जिनका कहना है कि एक टीचर को इस तरह से निकाल देना, गलत है।