ठेका कर्मचारियों का RLSDC के गठन को लेकर शहीद स्मारक पर धरना अखिल राजस्थान राजय कर्मचारी संयुक्त महासघ (एकीकृत) के नेतृत्व में राज्य के सभी विभागों, बोर्ड, निगम के ठेका कर्मचारियों का 2 अगस्त को शहीद स्मारक पर ठेकेदारों से शोषण से मुक्ति के लिए एक दिवसीय ध्यान आकर्षण धरना दिया जायेगा।
कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड ने बताया कि ठेका कर्मचारियों के लिए बजट घोषणा 2023 में मुख्यमंत्री द्वारा राज्य गर के सभी ठेका कर्मचारियों को शोषण से मुक्ति के लिए REXCO की तर्ज पर Rajasthan Logistic Service Delivery Corporation (RI SDC) के गठन की घोषणा की गई थी। परन्तु राज्य सरकार में RLSDC के गठन की प्रक्रिया का कार्य धीमी गति से चल रहा है तथा आज तक अधिसूचना जारी नहीं की गई जिससे राज्य भर के ठेका कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। कर्मचारियों में व्याप्त रोष को देखते हुए शुक्रवार 2 अगस्त को शहीद स्मारक पर सुबह 10 बजे से एक दिवसीय धरना एवं प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षण के लिए ज्ञापन दिया जायेगा।
धरने में चिकित्सा सचिवालय, जन स्वास्थ्य उर्जा विभाग,पंचायतीराज , स्वायत शासन शिक्षा विभाग कृषि आबकारी कोष एव लेखा विभाग सहित राज्य के सभी सरकारी एवं बोर्ड निगम, आयोग के कर्मचारी भाग लेंगे। ठेका कर्मचारी संघ के नाथूसिंह गुर्जर ने बताया कि कई विभागों में 10 वर्ष से भी ज्यादा समय से कार्य कर रहे है उन्हें चार माह पूर्व अचानक हटाया जा रहा है जिससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है तथा साथ ही अधिकारी कर्मचारियों को हटाने का भय दिखा कर लगातार बगैर साप्ताहिक अवकाश के कार्य करवा रहे है। इस वर्ग के कर्मचारियों को ठेकेदारों के द्वारा शोषण की पराकाष्ठा ही पार कर दी है।
ठेकेदारों के द्वारा शोषण की पराकाष्ठा ही पार कर दी है। इन लोगों को 5-7 हजार का ही भुगतान किया जा रहा है। जबकि सरकार ठेकेदारों को 17 से 30 हजार का प्रति कर्मचारी के हिसाब से बिल पास कर ठेकेदारों को पूजीपति बना रही है। यही कारण है जिसकी वजह से सरकार RLSDC का गठन करने में एक वर्ष का समय निकाल दिया है। इसमें सरकार में बैठे ब्यूरोक्रेटस एवं ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण शोषित वर्ग दुख पाकर गरीबी से भी नीची रेखा में अपने परिवार का पालन पोषण मुश्किल से कर पा रहा है। अपना दर्द आप लोगों के माध्यम से आमजन के सामने रख रहे है क्योकि यदि सरकार ने हमारी तरफ घ्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में यदि कार्य बहिष्कार करना पडा तो जनता हमें दोषी नहीं माने।