एक भारतीय यात्री, जिसका अबू धाबी में फ्लाइट रुकने पर पासपोर्ट चेक किया गया। जिसके बाद आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा। पासपोर्ट पर लिखी उम्र को देखकर वहां के स्टाफ को विश्वास नहीं हुआ और उन्हें लगने लगा कि ये पासपोर्ट तो,,,, नकली है। आपको क्या लगता है कि उस पासपोर्ट पर क्या तारीख लिखी होगी।
08 अगस्त 1896,,,, एक बार के लिए तो लगे कि 1896 में जन्मा कोई इंसान,,, अब तक कैसे ज़िंदा हो सकता है, लेकिन ये सच है। पहले इस सच का पूरा मामला जान लेते हैं। फ्लाईट कोलकाता से लंदन जा रही थी। इस दौरान फ्लाइट अबू धाबी में रुकी थी। अचानक एक स्टाफ ने एक व्यक्ति का पासपोर्ट चेक किया और पासपोर्ट पर लिखी डेट ऑफ बर्थ को देखकर अपने होश गंवा बैठा। उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि 1896 में जन्मा एक व्यक्ति फ्लाइट में यात्रा कर सकता है और आसानी से चल-फिर सकता है।
इनका नाम है - योगाचार्य स्वामी शिवानंद। जो अब 127 साल के हो चुके हैं। इनका जन्म बांग्लादेश में हुआ था। लेकिन अभी वे यूपी के वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित कबीर नगर में रह रहे हैं। इस उम्र में उनकी फुर्ती को देखकर सभी हैरान है।
अब उनकी फुर्ती का राज जान लेते हैं कि वे इस उम्र के पड़ाव में भी इतने फिट कैसे हैं। इस बारे में वे बताते हैं कि वो रात में 9 बजे सो जाते हैं और वह सुबह 3 बजे ही उठ जाते हैं। सुबह भगवत गीता पढ़ते हैं। रात के भोजन में जौ से बना दलिया, आलू का चोखा और उबली सब्जियां नियमित रूप से खाते हैं। वहीं वे दिन में कभी नहीं सोते हैं। स्वामी शिवानंद का कहना है कि जीवन में नियम और संयम का होना बहुत जरूरी है। वे इस उम्र में एक घंटा टहलते हैं और इसके बाद एक घंटा योग करते हैं। उनका मानना है कि अगर हम योग, आहार विहार, नियम और संयम को जीवन का अंग बना लें तो जीवन की राह सरल हो जाएगी। बीमारियां कोसों दूर रहेंगी। वहीं उन्हें वर्ष 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है।