राजस्थान के कोटा में लगातार कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड कर रहे हैं। कोटा में सुसाइड के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे। बता दें कि कोटा में पिछले 9 महीने में करीब 25 स्टूडेंट इस तरह सुसाइड कर चुके है। यहां लगातार बढ़ रहे सुसाइड के मामलों ने चिंताजनक स्थिति पैदा कर दी है।
अब कोटा से एक और सुसाइड मामला सामने आया है। यहां एक नाबालिक छात्रा ने मौत को गले लगा लिया। जानकारी के मुताबिक, नीट की तैयारी कर रही इस 16 वर्षीय कोचिंग छात्रा ने गले में फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। मृतक छात्रा की पहचान रांची झारखंड निवासी रिचा के रूप में हुई है। वो कोटा में रहकर एक कोचिंग से नीट एग्जाम की तैयारी कर रही थी। फिलहाल वो एक निजी हॉस्टल में रहकर नीट की तैयारी कर रही थी।
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव कब्जे में लेकर मोर्चेरी में रखवाया है। वही पुलिस के अनुसार मृतका के परिजनों को सूचना दे दी गई है और मामले में जांच की जा रही है। कोटा में इस साल बढ़ते सुसाइड ने प्रशासन के साथ कोचिंग संस्थान, हॉस्टल संचालक और आमजन की भी चिंता बढा दी है।
अगर बात करे कोटा की तो कोटा को शिक्षा नगरी भी कहा जाता है और यहाँ छात्र दूर दूर से कोचिंग में पढ़ने आते है। कोटा में जनवरी से अब तक करीब 25 छात्रों ने सुसाइड किया है।
छात्रों के सुसाइड करने का मुख्य कारण है डिप्रेशन, पढ़ाई का भारी प्रेशर, कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाई का तनाव , परिवार वालो से पढ़ाई का दबाव। इसके अलावा भी डिप्रेशन एक और कारण है। वो है ख़राब दिनचर्या । स्टूडेंट्स को लगता है कि पढाई सिर्फ रात में होती है। तो वो रात- रात भर पढाई करते है। जिसकी वजह से ठीक सो नहीं पाता और नींद की कमी के कारण दिमाग को आराम नहीं मिल पाता, जो बहुत ही ज्यादा जरूरी है। जिससे उसके सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है। उसे कुछ समझ नहीं आता और वो सुसाइड कर लेता है।
इसके उपाय ये है कि बच्चो को समझना चाहिए। उनकी दिनचर्या सही रखनी चाहिए। उनके परिवार वाले और कोचिंग वाले उन पर पढाई किसी तरह का कोई दबाव ना बनाये। बच्चे से बैठ कर बाते करनी चाहिए उनके मन में जो चल रहा है उससे जानने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें समझना चाहिए।
कोटा में छात्र-छात्राओं के आत्महत्या के मामले पर कैबिनेट मंत्री खाचरियावास ने कहा- सरकार जल्द ही कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई करेगी,, कोचिंग संस्थान अपने सपने पूरे करने के लिए बच्चों पर दबाव बना रहे। कोचिंग संस्थानों को बच्चों के मनोरंजन का साधन और काउंसलिंग भी करनी होगी। बच्चों के आत्म हत्या के मामले में हमने एक कमेटी भी बना दी है। परिवारजन भी अपने बच्चों पर दबाव नहीं बनाएं। कोचिंग संस्थानों में आत्म हत्या रोकने के लिए हम जी जान लगा देंगे।
बता दें कि कोटा में हो रहे सुसाइड को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक कमेटी बनाई है। जिसमें कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि, माता-पिता और डॉक्टर समेत सभी हितधारक शामिल हैं। कमेटी अपनी रिपोर्ट सीएम गहलोत को सौंपेगी। दो महीने तक रूटीन टेस्ट आयोजित करने पर भी रोक लगाई गई है। कोटा में पुलिस की ओर से एक खास तरह का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस ने कोटा में स्टूडेंट सेल नाम से एक हेल्पलाइन शुरू की है। इस हेल्पलाइन का कार्य कोचिंग, हॉस्टल, मैस आदि के आस पास रहना और स्टूडेंट्स से बातचीत करना है। उनकी समस्याएं जानना, उनका समाधान तलाश कर उनका तनाव दूर करना है, लेकिन इतने प्रयासों के बाद भी कोटा में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।